करनाल – टिकट लेने के लिए लगी कुनबों की भीड़

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करनाल – 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट लेने वालों की देखें तो एक अनार सौ बीमार की स्थिति पैदा हो रही है l हर टिकट चाहने वाला अपने समर्थकों के साथ अपनी टिकट पक्की का वादा  बता रहा है l लेकिन टिकट पाना इतना आसान नहीं है क्योंकि जिनकी पीढ़ियां राजनीति के दांव पेंच में अब भी माहिर हैं उनके लिए न बीजेपी अछूती है न कांग्रेस l उनका तो एक ही मकसद है कि सत्ता का सिंहासन जिस ओर रुख करेगा उसी हवा में निकल जायेंगें l टिकट के दावेदारों की भरमार सच्ची सेवा के लिए है या मलाई में हाथ साफ करने के लिए है l कांग्रेस हो या बीजेपी एक एक नेता अपने पूरे कुनबे के नामों को लेकर चल रहा है ,  मैं नहीं तो मेरे कुनबे का कोई सही बस यही हाल चल रहा है l  स्थिति यहाँ तक पहुँच गई है कि दिल्ली पहचान वाले बड़े नेताओं के दरवाजों पर डेरा डाले बैठे हैं l कांग्रेस के टिकट चाहने वाले तो इस वक्त एंटी इंकम्बेंसी की मार को हवा में ही जीत समझ बैठे हैं कि टिकट मिलने की देरी है बस जीत पक्की l

इसके अलावा बीजेपी ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि एक परिवार में दो टिकट नहीं दी जाएगी l  भाजपा सूत्रों की मानें तो इस पर पार्टी पुराने चेहरों को टिकट न देकर नए चेहरों को टिकट देना चाहती है ताकि
कार्यकर्ताओं की शिकायत को दूर किया जा सके l एक राजनीति के जानकर ने बताया कि पार्टियों को कबीर जी का यह दोहा पार्टी के तरक्की के लिए जरूर ध्यान रखना चाहिए- ”निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय”

हालाँकि हरियाणा में अभी किसी भी पार्टी ने टिकटों की घोषणा नहीं की है l 23 और 24 अगस्त को गुरुग्राम में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हो रही है जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी की तरफ से आये नामों पर संयुक्त रूप से विचार किया जायेगा l 25 अगस्त की दिल्ली में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की होने वाली बैठक के बाद 26 अगस्त को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो सकती है l

इधर बीजेपी जो कि पिछले 10 साल से हरियाणा में सत्ता में हैं जो इस समय विधायक थे और जिनका जनता से जनाधार खिसक गया है , जो कि उनकी सर्वे रिपोर्ट में भी साबित हो गया है उन पर इस बार बीजेपी के साथ संघ की भी पैनी नज़र बनी हुई है l संघ का तो मानना है कि युवा शक्ति और नए चेहरों के साथ आगे बढ़ा जाए l क्योंकि इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने भी 15 अगस्त को लाल किले से राजनीति  में कम से कम 1000 युवा जो किसी भी राजनीतिक परिवार से सम्बन्ध नहीं रखते को राजनीति में लाना चाहिए l बताया जा रहा है इसकी शुरुआत हरियाणा से होने जा रही है l परन्तु बीजेपी में अभी भी हरियाणा के जो नेता इसकी कमान संभाले हुए हैं क्या वह ऐसा होने देंगें ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा l