करनाल – मौसम में गर्माहट आने के बाद अगेती फसल की कटाई कर रहे किसानों द्वारा पराली में आग लगाने की कुछ घटनाओं के सामने आने के बाद पूरा प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। जिला में पराली में आग लगाने पर काबू पाने को लेकर उपायुक्त उत्तम सिंह ने बुधवार को प्रशासनिक व कृषि विभाग के कई अधिकारियों के अमले के साथ जिला के कई गांवों का दौरा किया। इस दौरान उपायुक्त ने पराली जलाने के मामले में गांव माखुमाजरा के किसान इंद्र सिंह (एक एकड़), बड़ागांव के किसान जयप्रकाश (दो एकड़), गांव संगोहा के किसान गुरनाम सिंह (एक एकड़) तथा इसी गांव के किसान जगजीत सिंह द्वारा 4 एकड़ में पराली जलाते हुए पाए जाने पर इनके खिलाफ संबंधित थाना प्रभारी को एफ आइआर दर्ज करवाने के आदेश दिए।
उपायुक्त ने किसानों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि पराली में आगजनी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी किसान इन आदेशों की उल्लंघना करेगा तो उस पर न केवल जुर्माना लगाया जाएगा, बल्कि एफआईआर दर्ज करवाकर भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे फसल अवशेष प्रबंधन को अपनाएं और पराली में आग लगाने के बजाए, उसे अपनी आय का साधन बनाएं। उपायुक्त ने बुधवार को दौरे के दौरान खंड करनाल के गांव नेवल, बड़ागांव, माखुमाजरा, रंबा, संगोहा व संगोही तथा रंबा में जाकर किसानों को पराली में आग न लगाने के लिए सचेत किया। साथ ही साथ ड्यूटी पर लगे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि पराली में आगजनी रोकने के लिए किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पराली में आग लगाने पर पूर्णत: रोक लगाई हुई है, इसलिए किसी भी सूरत में किसान पराली में आग न लगाएं, बल्कि सरकार की फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत दिए जा रहे विभिन्न कृषि यंत्रों के जरिये या तो खेत में ही उनका निष्पादन करें या पराली की गांठें बनाकर उनकी बिक्री करें। इससे किसानों को दोहरा लाभ होगा और पर्यावरण दूषित होने से भी बचेगा। इस अवसर पर उनके साथ एडीसी यश जालुका, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ वजीर सिंह, तहसीलदार करनाल कृष्ण सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ. विजय कौशिक, कृषि विभाग के अधिकारी के अलावा जिला अग्निशमन अधिकारी तथा थाना प्रभारी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
कृषि विभाग के उप निदेशक वजीर सिंह ने बताया कि जिला करनाल में पराली में आगजनी की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए जहां प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी व फील्ड स्टाफ पहले से ही निगरानी में लगा है, वहीं कुछ घटनाओं के सामने आने के बाद उपायुक्त उत्तम सिंह द्वारा कृषि विभाग के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को भी फील्ड में पहुंचकर किसानों को आगजनी करने से रोकने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि कई दिनों से मौसम में गर्मी आने के बाद जिला करनाल में धान की अगेती फसल की कटाई कर रहे किसानों द्वारा पराली में कई स्थानों पर आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। इसी को देखते हुए उपायुक्त उत्तम सिंह द्वारा गांव स्तर की भी निगरानी कमेटी बनाकर आदेश जारी किए गए हैं कि सभी अधिकारी व कर्मचारी गांव स्तर पर खेतों का निरीक्षण करें और पराली में आगजनी पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए कार्य करें। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की ओर से प्रचार वाहन के माध्यम से पराली में आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी किसानों को जागरूक किया जा रहा है।