हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपराध से दूर रखने के लिए (विशेषकर लड़कियों एवं महिलाओं) आयोग द्वारा एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और अब तक 20 जिले कवर हो चुके हैं, शेष दो जिलों में भी जल्द ही कार्यक्रम आयोजित करके स्कूल व कॉलेज के युवाओं को कानूनी अधिकारों तथा उनकी सुरक्षा के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने युवाओं को आह्वान किया कि अगर जिन्दगी में उनसे जाने-अन्जाने में एक बार गलती हो जाए, उसे बार-बार न दोहराएं, बल्कि पहली बार में ही उस गलती की जानकारी अपने माता-पिता, शिक्षक एवं मित्रों को जरूर दें, ताकि युवा पीढ़ी अपराध की दलदल में न फंसे।
चेयरपर्सन रेनू भाटिया शनिवार को घरौंडा स्थित पार्थ पब्लिक स्कूल में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने को लेकर हरियाणा राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम को भारत की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर एवं पुडुचेरी की पूर्व राज्यपाल किरण बेदी ने वर्चुअल तौर पर उपस्थित महिलाओं एवं स्कूली छात्राओं को उनके अधिकार को लेकर जागरूक किया और कहा कि अपनी आत्मरक्षा के लिए स्वयं को इतना मजबूत बनाएं कि उन्हें किसी के सहारे की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी साइबर क्राइम के कारण ऐसी गलती कर बैठते हैं जिससे वे अपराधों में फंसते चले जाते हैं, इससे दूर रहने की जरूरत है।
महिला आयोग हरियाणा की चेयरपर्सन ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें, उनसे मित्रता का व्यवहार बनाएं ताकि वे हर बात अपने मां-बाप के साथ साझा कर सकें। अगर इस प्रकार का वातावरण बच्चों को मिलेगा तो वे दूसरे लोगों पर विश्वास कम करेंगे और अपराध से दूर रहेंगे। उन्होंने कहा कि आयोग का फर्ज है कि वे युवा पीढ़ी को पहले से ही जागरूक किया ताकि वे भावनात्मक तरीके से दूसरे लोगों पर भरोसा कम करें और गलत लोग उनका नाजायज फायदा न उठा सके। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा अब छठी कक्षा से ऊपर के बच्चों को अवेयर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेशभर में 100 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जब से उन्होंने महिला आयोग में चेयरपर्सन का कार्यभार संभाला है तब से लेकर अब तक उनके पास 2246 केस आए हैं उनमें से 1700 से अधिक केसों का निपटारा आयोग द्वारा किया जा चुका है। शेष केस न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण लंबित हैं। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि अगर युवा पीढ़ी उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों से जितने अधिक युवा जागरूक होंगे, विशेषकर छात्राएं इससे एक नहीं चार-चार अपराधों पर रोक लगेगी। उन्होंने महिलाओं से अपील कि वे कानून का सहारा लेकर किसी बेगुनाह पर झूठा दोष न लगाएं, अगर वास्तव में उनके साथ कहीं पर गलत होता है तो ऐसी सूरत में दोषी को बख्शा न जाए। आयोग उनकी पूरी मदद करेगा।
कार्यक्रम में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की एडवोकेट दीपा ने भी उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया और उनको कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं छात्राओं को किसी से डरने की जरूरत नहीं है, यदि कहीं उनके साथ उत्पीड़न होता है तो उसकी सूचना तुरंत महिला थाने में दें ताकि उन्हें न्याय मिल सके। भारत के संविधान में महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनेक प्रकार के अधिकारों का वर्णन है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, निडर होकर अपनी आवाज को बुलंद करें। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर सबको मंत्र मुग्ध किया।
इस अवसर पर प्रशासन की ओर से तहसीलदार ललिता, पार्थ स्कूल की चेयरपर्सन आदर्श सेठी, प्रिंसिपल पूनम सेठी तथा स्कूल का अन्य स्टाफ मौजूद रहा।