करनाल-बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ हिन्दू संगठनों का प्रदर्शन

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करनाल- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदू समुदाय के धर्म स्थलों में तोड़फोड़ और उन पर अत्याचार के खिलाफ हिंदू समाज का गुस्सा उफान पर है। बांग्लादेश की हिंसक घटनाओं के खिलाफ़ सामाजिक, व्यापारिक व धार्मिक हिंदू संगठन सोमवार को सेक्टर 12 फवारा पार्क पर इकट्ठा हुए और जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी लोग जुलूस की शक्ल में सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय पहुंचे जहां संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। संस्थाओं ने मिलकर बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एकजुटता दिखाते हुए उन पर हो रहे अत्याचार को तुरंत बंद करने और भारत सरकार से प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग की।
फव्वारा पार्क में लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने एक स्वर से हिन्दू समाज से उठ खड़ा होने और सरकार पर दबाव बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है की वहाँ का प्रशासन कट्टरपंथियों के हाथ में हो । सेना व पुलिस प्रशासन अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने की बजाय कट्टरपंथियों का सहयोगी ही दिखाई दे रहा है। अल्पसंख्यकों की सरेआम हत्याएं की जा रही हैं, बलात धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है, महिलाओं के साथ दुराचार हो रहा है, अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों को नष्ट किया जा रहा है, देवमूर्तियों को खंडित किया जा रहा । चहुंओर भय का वातावरण है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार हर मोर्चे पर असफल हो रही है। घटनाओं से लगता है कि बांग्लादेश सरकार मूकदर्शक बन यह सब होने देना चाहती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुप है इस घटना से विश्व का हिंदू चिंतित और आंदोलन है, पड़ोस में हो रही इन घटनाओं का भारत की शांति और सौहार्द पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
मुख्य वक्ता श्री सुधीर कुमार ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर हमले हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर लगातार हमले हो रहे हैं। भौतिक और मानसिक उत्पीड़न हिंसा, धमकी, बहन-बेटियों के साथ बलात्कार, और संपत्तियों की जब्ती जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। न्यायिक उपेक्षा, दोषियों को सजा न मिलना, प्रशासनिक उदासीनता,आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार अल्पसंख्यकों को उनकी जमीन, रोजगार और अन्य अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अन्याय का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने पर इस्कॉन मंदिर के पूज्य संत चिन्मय कृष्ण दास जी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है ।
हमारी मांग है कि भारत सरकार इस मामले को प्राथमिकता से उठाए और बांग्लादेश सरकार के साथ कूटनीतिक चर्चा कर हिंदू सहित सभी अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे । संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग और महासचिव इस विषय पर तत्काल हस्तक्षेप करें और बांग्लादेश पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डालें ।
सुधीर कुमार ने कहा कि भारत में आने वाले सभी अल्पसंख्यक सहित हिन्दू शरणार्थियों को सुरक्षा और पुनर्वास प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठा जाएं।बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का सख्ती से पालन
करवाया जाए और इस्कॉन मंदिर के पूज्य संत श्री चिन्मय कृष्ण दास जी को शीघ्र रिहा किया जावे।
अयोध्या के संत अनंताचार्य ने कहा कि साधु समाज बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चुप नहीं बैठेगा अगर सरकार इस मामले में कोई कठोर कदम नहीं उठाती तो देश भर के नागा साधु कुंभ के बाद बांग्लादेश कूच करेंगे और वहां जाकर हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि सभी संत मिलकर हिंदू समाज को एकजुट करें उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को दुनिया भर के हिंदुओं को एकजुट होकर संयुक्त राष्ट्र में उठाना चाहिए नागा साधु ने कठोरता से कहा कि बांग्लादेश का निर्माण भारत ने किया है ऐसे में वहां की जनता को यह समझना चाहिए कि भारत यदि उसे बना सकता है तो समाप्त भी कर सकता है।
इस्कॉन के कार्यकर्ता रामभज ने कहा भारत ने बांग्लादेश के गठन से लेकर इसकी स्थिरता सुनिश्चित करने तक हमेशा उसका समर्थन किया है। फिर भी, बांग्लादेश की सरकार हिंदू समुदाय की रक्षा करने में विफल रही है। उन्होंने दुनिया के शांतिप्रिय देशों से बांग्लादेशी अधिकारियों पर हिंदुओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाने का आह्वान किया।  उन्होंने यह भी कहा कि इन घटनाओं की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा की बांग्लादेश की सरकार को अपने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए अन्यथा भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय वहां की अंतरिम सरकार के खिलाफ कठोर कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में 5 अगस्त को लोकतांत्रिक तरीके से कुछ मास पहले चुनी हुई शेख हसीना सरकार पर उस देश के कुछ असामाजिक तत्वों, कट्टरपंथियों द्वारा अलोकतान्त्रिक तरीके से कब्जा कर लिया गया और प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना ही देश छोड़ना पड़ा व अन्य देशों में शरण लेने के लिए भटकना पड़ा। आरक्षण के नाम पर शुरू हुआ आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथ में चला गया और धर्म के नाम पर दंगे भड़काये गए। वहां का अल्पसंख्यक समुदाय जैन, बौद्ध सिख, इसाई, हिन्दू सभी आज भी असुरक्षित व भयांकित हैं। वहां हो रहे दंगों में विशेषकर हिन्दुओं को निशाना बनाया गया है। इन हमलों से न केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार खतरे में हैं, बल्कि यह एक गहरी मानवीय त्रासदी बन गई है। कार्यकारी सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रही है।
उन्होंने भारत सरकार से इस मुद्दे का समाधान करने में ‘‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को शामिल करने’’ का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर मंच का संचालन समाजसेवी एवं उद्योगपति नीरज गोयल ने किया। इस मौके पर सनातन धर्म संगठन, आर्य केंद्रीय सभा, जन सेवा दल, एस एस जैन सभा हनुमान गली, श्री दिगम्बर जैन सभा सेक्टर 14, दिगम्बर जैन सोसाइटी, सनातन धर्म मंदिर कुंजपुरा रोड, अल्फा सिटी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, मां झंडेवाली सेवा समिति, भारतीय मुल्तानी परिमंडल, इस्कॉन करनाल, भारत विकास परिषद, बजरंग दल,  आदि शक्ति माँ झंडेवाली समिति,  जी टी रोड व्यापार मण्डल ,व्यापार मंडल जिला करनाल, माधव नेत्र बैंक, श्री रघुनाथ मंदिर सदर बाजार, मेरा गांव मेरा मिशन, इंडियन मीडिया सेंटर, जागो जगाओ यूनिवर्सल ट्रस्ट, अखिल भारतीय हिंदू महासभा, हिंदू जागरण मंच, क्षत्रिय राजपूत एकता मंच, अखिल क्षत्रिय महासभा, नगर खेड़ा फाउंडेशन,धर्म जागरण मंच व राष्ट्र सेविका समिति सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।