करनाल -2047 तक भारत को महान और समृद्ध बनने से कोई नहीं रोक सकता है: सतीश कुमार

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करनाल : स्वदेशी जागरण मंच द्वारा करनाल में एक दिवसीय प्रांत प्रशिक्षण एवं विचार वर्ग आयोजित किया गया। इस अवसर पर हरियाणा प्रांत के सभी जिलों से आए हुए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके समापन सत्र में  स्वदेशी जागरण मंच तथा स्वावलंबी भारत अभियान के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार ने 2047 का भारत समृद्ध और महान भारत विषय पर मुख्य वक्तव्य डाला। उन्होंने 2047 में समृद्ध और महान भारत बनाने के लिए आठ पिलर बताए। उन्होंने कहा कि युवाओं को इसमें विशेष भूमिका निभानी  होगी। उन्होंने कहा कि युवा उद्यमी बनें। जॉब प्रोवाइडर बनें। उद्यमिता में विकास की कोई सीमा नहीं हैं। उन्होंने कहा सफलता के लिए बुद्धि और उत्साह का आपस में मेल होना जरूरी है। सफलता और विफलता को एक समान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 में महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता है। इससे पहले आयोजित तीन सत्रों में अलग अलग विषयों पर चर्चा की गई। इस वर्ग का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर प्रांत संयोजक अंकेश्वर प्रसाद और अतिथियों ने किया। उन्होंने भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत एवं परिचय पदाधिकारियों ने किया।

इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के लखनऊ में हुए राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रस्तावित प्रस्तावों की जानकारी दी गई । इस अवसर पर उद्योगपति विजय सेतिया, गुरबख्श मनचंदा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।इस कार्यक्रम में प्रात सह संयोजक प्रो. रणबीर सिंह ने कहा शिक्षित वर्ग में कुल प्रजनन दर में चिंताजनक प्रस्ताव पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि शिक्षित वर्ग में प्रजनन  दर घटती जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षित दंपत्ति  को कम से कम दो संतान पैदा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि प्रजनन दर इसी तरह घटती रही तो हमारे देश में शिक्षित युवा नहीं रह पाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षित और उच्च शिक्षित समय का बहाना बना कर संतान की जिम्मेदारी से बचते हैं। यह समाज के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इस अवसर पर उत्तर क्षेत्र के संयोजक प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने जैविक उद्यमिता पर प्रस्ताव पढ़ा। कार्यक्रम में पहले सत्र का संचालन डा. सुनीता भरतवाल ने किया। दूसरे सत्र का संचालन प्रो. रणबीर सिंह ने किया। इस सत्र में स्वदेशी जागरण मंच की विकास यात्रा पर उत्तर क्षेत्र के सह संयोजक सतेंद्र सोंरोत ने प्रकाश डाला। उसके बाद स्वावलंबन केंद्र के संचालन और पूर्णकालिक कार्यकर्ता की भूमिका एवं संभाल विषय पर अखिल भारतीय  पूर्णकालिक कार्यकर्ता प्रमुख सतीश चावला ने प्रकाश डाला। उन्होंने स्वावलंबन केंद्र के संचालन को लेकर महत्वपूर्ण अनुभव सांझा किए। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार की तरफ यह केंद्र प्रेरित कर रहे हैं। स्वदेशी के पुरोधा राष्ट्र ऋषि  दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जीवन पर प्रकाश प्रांत संगठक कुलदीप जी ने प्रकाश डाला। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी  और स्वदेशी के प्रथम शहीद बाबू गेनु के ऊपर प्रांत सह महिला प्रमुख डा. ऋतु बजाज, तथा स्वावलंबी भारत अभियान के प्रांत समन्वयक डा. वेदप्रकाश लुहाच ने प्रकाश डाला। इस अवसर पर स्वदेशी रोजगार मेला भी लगाया गया। जिसमें स्वदेशी लडिय़ा, माडर्न एग्रो के उत्पाद के साथ अन्य महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पाद आकर्षण के केंद्र रहे। अंतिम सत्र में विभाग के अनुसार चर्चा की गई। अंबाला और कुरुक्षेत्र विभाग उत्तर क्षेत्र के सह संयोजक सतेंद्र सोंरोत ने वक्तव्य दिया। रोहतक और हिसार विभाग को लेकर उत्तर क्षेत्र के संयोजक सोमनाथ सचदेवा ने भिवानी फरीदाबाद, और गुरुग्राम विभाग को लेकर चर्चा उत्तर क्षेत्र के समन्वयक स्वावलंबी भारत अभियान के डा. राजेश गोयल ने की। उन्होंने गतिविधियों पर प्रकाश डाला। अंतिम सत्र में उपस्थित उद्यमियों विजय सेतिया, गुरबख्श मनचंदा का सम्मान किया गया।