करनाल -स्वच्छ भारत मिशन और सामाजिक संस्था मिलकर जीरो वेस्ट व आत्मनिर्भर ग्राम की अवधारणा को करेंगे साकार

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करनाल – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत व आत्मनिर्भर भारत का नारा लोगों को खूब भा रहा है। इससे प्रेरणा लेकर अब कॉरपोरेट घराने व सामाजिक संस्थाएं इसे धरातल पर उतारने के लिए आगे आ रहे है। दिल्ली में रहने वाले काछवा के डेरा रणबीर नगर निवासी चौधरी दंपत्ति अपने कुछ मित्रों के साथ ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए काम करना चाहते हैं। उनका मानना है कि जीवन भर समाज से लेने के बाद अब समाज को कुछ देने की बारी है। इसी उद्देश्य को लेकर वह गांव में आए हैं। गिरीश चौधरी ने कहा कि अगर गांवों को स्वच्छ बनाना है तो हमें वापस अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा। गांव आत्मनिर्भर बनेंगे तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा। गिरीश चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपने फार्म हाउस में ऑर्गेनिक खेती का एक मॉडल भी तैयार किया है जिसमे वह अपने घरेलू गीले कचरे को खाद में बदल कर सब्जियां और फल उगा रहे है। हम अपने घर मे प्लास्टिक का न्यूनतम  इस्तेमाल करते है। हमारे जीवन का मकसद समाज से प्लास्टिक को समाप्त करना व फिर से गांवों को आत्मनिर्भर बनाने का है।
अनिल बुद्धिराजा व उनकी पत्नी अनिता बुद्धिराजा ने कहा कि प्लास्टिक समाज के लिए एक अभिशाप है, यह हमारी आने वाली पीढ़ियों को तबाह कर देगा इसलिए प्लास्टिक को समाज से हटाना होगा। उन्होंने कहा कि वे जीरो वेस्ट को लेकर काम कर रही है और कपड़े के थैले के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे है। इसके लिए उन्होंने खास किस्म के थैले बनवाये है जिसे अपने साथ जेब में भी रखा जा सकता है। उद्योगों के वेस्ट प्लास्टिक से लंबे समय तक चलने वाले बैग भी बनवाये गए हैं जिन्हें कुछ कीमत पर लोगों को वितरित करते हैं। हम वैदिक ग्राम की अवधारणा पर भी काम कर रहे है जिसमे सब कुछ एक ही स्थान पर उपलब्ध हो।
संकल्प नामक राष्ट्रीय सामाजिक संस्था के संचालक अनिल गोयल ने कहा की अगर उन्हें सरकार का साथ और सहयोग मिले तो वह युवाओं को स्किल्ड कर उन्हें गांव में ही रोजगार प्रदान कर सकते है। इसके लिए उन्हें गुणवत्ता परक ट्रेनिंग दी जाएगी जिसके बाद उनकी योग्यता अनुसार कॉरपोरेट के साथ मिलकर उत्पाद तैयार किये जा सकते है जिनकी मार्किटिंग में भी वह पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन से जुड़कर  वह गांवों को गंदगी मुक्त करने के साथ युवाओं को स्वावलंबी बनाने में भूमिका निभाना चाहते है।
इस पर स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वाइस चेयरमैन सुभाष चन्द्र ने उन्हें हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाते हुए उनसे स्वच्छता अभियान में शामिल होने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह केवल सरकार की नही अपितु सभी नागरिकों और सामाजिक संस्थाओं की भी जिम्मेदारी है की वे स्वच्छता के लिए आगे आएं और काम करें। उन्होंने कहा कि सभी के संयुक्त प्रयास से ही स्वच्छता की दिशा में एक बड़ी मुहिम चलाने में भारत सफल रहा है।
विगत वर्षों में स्वच्छता को लेकर देश में जनमानस का मन बहुत ही सकारात्मक हुआ है। कूड़ा कहीं भी फेंकते समय हाथ खुद ब खुद रुकते है। ऐसा भी देखने को मिलता है कि घर के छोटे बच्चे बड़ों को ‘स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहे हैं। इधर-उधर कचरा फेंकने पर टोकते हुए दिख जाते हैं। यह एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। इस बदलाव को और तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में सरकार के साथ-साथ आम जन की जितनी भागीदारी होगी, यह अभियान उतना ही मजबूत होगा। साथ ही, देश के स्वास्थ्य पर बीमारियों का बोझ भी कम होगा।