करनाल – चुनाव की तारीख जैसे जैसे नज़दीक आ रही है नेताओं का भी असली चेहरा सामने आ रहा है l नेता जो बात खुद जनता के सामने नहीं कह सकते उनकी पार्टी से जुड़ा कार्यकर्त्ता उस बात को कह ही देता है ,जिससे बवाल मचना स्वभाविक है l हर पार्टी अब खुलकर चुनाव के मैदान में आ गई है और एक दूसरे को पानी पी पीकर प्रहार कर रहे हैं l बगावत तो हर पार्टी में हो रही है लेकिन जिस पार्टी का नेतृत्व मज़बूत है वह बगावत के विद्रोह को दबाने में या उसका तोड़ निकालने में सक्षम है l
हरियाणा में आमने सामने दो ही पार्टियां हैं बीजेपी और कांग्रेस, पर टिकट बंटवारे में कांग्रेस में हुड्डा ग्रुप की ज्यादा चलने और अपने समर्थकों को ज्यादा टिकट दिलाकर एक प्रकार से हाई कमान से मोहर लगवाकर मैदान में है l जैसा कि कांग्रेस का एक गुट जो कि इस प्रकार की जोर आजमाइश में पिछड़ गया वह कुमारी सैलजा व सुरजेवाला का गुट है l एक तरफ इस सारे एपिसोड से नाराज़ होकर सैलजा काफी दिनों से चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं नज़र आ रही हैं , दूसरी तरफ उन्ही की पार्टी के एक कार्यकर्त्ता द्वारा असभ्य बयान देकर उनको अपमानित किया जिससे वह ज्यादा ही आहत हो गई और उनके इसी अपमान को भुनाने के लिए बीजेपी भी हर प्रकार से उनके समर्थन में आ गई है l एक कद्दावर दलित नेत्री होने पर बीजेपी पलकें बिछाए दे रही है l पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें बीजेपी में आने की सलाह भी दी है l इससे पहले भी एक कद्दावर नेत्री कांग्रेस से बीजेपी में आ चुकी है और राजयसभा की सदस्य है क्योंकि दोनों नेत्रियों का हुड्डा से छतीस का आंकड़ा बताया जा रहा है l ऐसे में ज्यादा दिन तक यह खींचतान चलती नज़र नहीं आती क्योंकि अभी तो मतदान में सिर्फ 13 दिन ही शेष हैं और हवा का रुख भी 10 साल की ऐंटीइंकम्बेंसी के साथ राज्य के आखिरी वक्त में मुख्यंमत्री को बदलकर नए मुख्यमंत्री की अगुवाई में बीजेपी चुनावी मैदान में हैं पर अब देखना है कि कांग्रेस दलित नेत्री को मनाने में और उनके वोट बैंक को बचाने में कामयाब होगी l
बाकि अभी तो के बागी भी मैदान में पूरी शिद्दत के साथ मैदान में डटे हुए हैं अगर 10 से 15 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार अपनी बढ़त बना लेते हैं तो हरियाणा में खिचड़ी सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता जैसे कि मनोहर लाल के दूसरे कार्यकाल में पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण हुआ था l यह हरियाणा है इसकी तो आयाराम गयाराम असली पहचान है , ऐन मौके पर साथ छोड़कर अपनी पार्टी के प्रति ईमानदारी का परिचय तो अभी भी दे रहे हैं सुबह कांग्रेस में और शाम को दुबारा बीजेपी में , यह तो रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भतीजे ने कर दिखाया है ऐसे यहाँ ही नहीं चाहे 10 साल से हर प्रकार की सुविधाएं लेने के पश्चात् जिसे कहते हैं घोड़ागाड़ी से लेकर सरकारी खजाने से वेतन पाकर भी ऐसे मौके पर अपनी पार्टियों से अलविदा कहकर खाने निकल जाते हैं l
बाकि अभी तो के बागी भी मैदान में पूरी शिद्दत के साथ मैदान में डटे हुए हैं अगर 10 से 15 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार अपनी बढ़त बना लेते हैं तो हरियाणा में खिचड़ी सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता जैसे कि मनोहर लाल के दूसरे कार्यकाल में पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण हुआ था l यह हरियाणा है इसकी तो आयाराम गयाराम असली पहचान है , ऐन मौके पर साथ छोड़कर अपनी पार्टी के प्रति ईमानदारी का परिचय तो अभी भी दे रहे हैं सुबह कांग्रेस में और शाम को दुबारा बीजेपी में , यह तो रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भतीजे ने कर दिखाया है ऐसे यहाँ ही नहीं चाहे 10 साल से हर प्रकार की सुविधाएं लेने के पश्चात् जिसे कहते हैं घोड़ागाड़ी से लेकर सरकारी खजाने से वेतन पाकर भी ऐसे मौके पर अपनी पार्टियों से अलविदा कहकर खाने निकल जाते हैं l