करनाल- अबकी बार सबसे ज्यादा बागी उतरेंगें मैदान में

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करनाल -आम आदमी पार्टी ने आज कांग्रेस से वार्ता विफल होने के बाद अपने 20 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी l इससे पहले भी आप के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता हरियाणा की 90 सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं l बताया जा रहा है कि आप कांग्रेस से कम से कम अपनी पसंद की जगह पर 10 सीटें मांग रही थी और कांग्रेस दो से ज्यादा देना ही नहीं चाहती थी l कांग्रेस के सूत्र तो यही बता रहे हैं कि हरियाणा के नेता आप से गठबंधन करने के ही पक्ष में नहीं थे , तभी इतने दिन कभी हाँ कभी न में ही निकल गए l उधर कांग्रेस भी गहरे मंथन के बाद सिर्फ 41 उम्मीदवारों के ही नाम जारी कर पाई है l ऐसा क्या हुआ कि नामांकन के अब तीन ही दिन बाकि बचे हैं और कांग्रेस आलाकमान अब तक लिस्ट जारी करते हुए बीजेपी में हुई बगावत के झमेले को देखते हुए पहले ही घबरा रही है l बताया जा रहा है कि बीजेपी से भी ज्यादा बगावत वाली स्थिति कांग्रेस में भी होने की संभावना है क्योंकि अबकी बार हर छुटभैया नेता से लेकर बड़े नेता तक ने अपनी सामाजिक सेवाओं का बायोडाटा दिल्ली दरबार में भेजा हुआ है l अपने नामों को लिस्ट  देखने के इंतजार में इन नेताओं ने दिल्ली में ही डेरा डाल रखा है l बीजेपी की तरह कांग्रेस में भी सिर्फ अभी 41 सीटों के उम्मीदवारों की लिस्ट आते ही बगावत शुरू हो गई हालाँकि इनमें ज्यादा नाम वही हैं जो पहले 2019 में जीतकर आये थे l

जैसा कि हरियाणा का इतिहास भी आया राम गया राम वाली राजनीति का रहा है l हर नेता चुनाव में उतरने के लिए उतावला है, चाहे टिकट इस पार्टी की मिले या उस पार्टी की ,नहीं तो आज़ाद लड़ने को तैयार बैठा हैं l  कोई भी नेता टिकट के मामले में अपनी हार मानने को तैयार नहीं है क्योंकि यह मौका भी 5 साल बाद ही आता है l अबकी बार हरियाणा का चुनाव ऐतिहासिक होने जा रहा है कि यहाँ बागी उम्मीदवार ज्यादा संख्या में चुनाव लड़ेंगें l ऐसे हालात में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलने के आसार बहुत कम हैं , ऐसा ही न्यूज़ एजेंसियों का सर्वे भी बता रहा है l क्योंकि छोटा राज्य होने के कारण और दिल्ली से सटा होने के कारण इस प्रदेश की राजनीति महत्वपूर्ण मानी जाती है l खास बात यह है कि हर नेता की नज़र केवल सत्ता के गलियारे में पहुँचने की है क्योंकि उन पर कोई नियम कायदे भी लागू होते नहीं दिखाई दे रहे हैं l सत्ता में बने रहना ही केवल उनका उद्देश्य है l अब केवल तीन ही दिन नामांकन के बचे हैं पार्टी के टिकट की आस में नेता दिल्ली दरबार की चौखट निहार रहे हैं l आज के राजनीतिक हालात पर कवि दुष्यन्त कुमार की यह लाइनें सटीक बैठती हैं – तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं ,कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं ,l