करनाल -कांग्रेस में मुख्यमंत्री चेहरे पर रार

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करनाल -जैसे जैसे राजनीतिक पार्टियों के टिकट ऐलान करने का समय नज़दीक आ रहा है वैसे ही पार्टियों में होता घमासान भी सामने आ रहा है l कांग्रेस में भी गुटबंदी खुलकर सामने आ गई है इसका आगाह कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोककर कांग्रेस की दलित नेत्री ने अपनी बात को मीडिया के माध्यम से कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचा ही दी है l इससे यह कयास लगाये जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान हरियाणा में सीएम का चेहरा चुनाव से पहले घोषित नहीं कर पायेगा क्योंकि उसे डर है कि कहीं कांग्रेस में पहले ही बगावत न हो जाए l ऐसे में बीजेपी ने भी राहुल गाँधी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के लिए खुली चुनौती दे  दी है और साथ ही कहा है दलितों के शुभचिंतक बनने वाले राहुल गाँधी कुमारी सैलजा को अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का सहस दिखाएं l कांग्रेस  के सूत्र बता रहे हैं कि टिकट के बंटवारे को लेकर सैलजा पहले ही अलर्ट मोड़ में है क्योंकि संसदीय चुनाव के समय भी सैलजा ने आरोप लगया था कि उनके लोगों की अनदेखी की गई थी l

अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है तो ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वैसा ही इतिहास दुबारा दोहराया जायेगा जैसे भजनलाल की अगुवाई में चुनाव लड़कर जीत का सेहरा भजनलाल के सिर पर नहीं बल्कि भूपेंद्र हुड्डा के सिर पर बांध दिया था l कुमारी शैलजा पर कांग्रेस हाईकमान का ज्यादा विश्वास है क्योंकि सैलजा अब तक ज्यादा सेंटर की राजनीति ज्यादा करती आई हैं और मैडम सोनिया से भी उनके रिश्ते बहुत मधुर हैं l वैसे भी हरियाणा में दलितों की वोट संख्या 21 प्रतिशत के लगभग है और चुनाव के समय रणदीप सुरजेवाला का गुट भी पूरी तरह सैलजा गुट के साथ खडा नज़र आ रहा है l

अब किस गुट को विधानसभा के मैदान में उतरने के लिए कितनी ज्यादा सीट मिलेगीं यह तो टिकट बंटवारे के बाद ही पता चलेगा अभी तो आला कमान सारे हालात पर नज़र बनाये हुए है और एकजुट होकर चुनाव लड़ने की नसीहत दे रहा है l इससे पहले ही हरियाणा की राजनीति में दो बड़े परिवार कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गये हैं उनमें से बंसीलाल परिवार का भी जाट बाहुल्य क्षेत्र में काफी सीटों पर प्रभाव है वह भी चुनाव में क्या कुछ कर पायेगा ये चुनाव के नतीजों के बाद ही सामने आएगा l
बताया जा रहा है कि आज शाम या कल तक बीजेपी के कुछ सीटों के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने की संभावना है जिसके बाद ही रणनीति का खुलासा सामने आएगा l चुनाव का मैदान नए चेहरे संभालेंगे या पुराने ही यह तो प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद ही पता चलेगा l