करनाल -कोरोना पर ज्ञान बाँटने में कोई भी पीछे नहीं है लेकिन जब खुद पर बात आती है तो बड़े बड़े सेलिब्रेटी राजनेता,अफसरों के ज्ञान का दीया बुझा हुआ नज़र आया l लोग छुपा रहे हैं स्क्रीनिंग के दौरान भाग रहे हैं ऐसा करनाल ,पंचकूला श्रीनगर गुजरात समेत कई जगह सामने आया है ,जिसका एक उदाहरण बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर का समाज के उच्च वर्ग के लोगों के साथ पार्टियों का आयोजन करना और कइयों को मुसीबत में डालना यह दर्शाता है कि निम्न वर्ग या इनके घरों या दफ्तरों में काम करने वाले लोग अगर इसकी चपेट में आ गए तो स्थिति कितनी भयानक हो जाएगी ,इसका अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है l इसी का नतीजा सामने आया और यह खराब हालात देश की संसद से लेकर राष्ट्रपति तक पहुंच गए l हालाँकि ऐसे हालात तो तब हैं जब सरकार काफी समय से बार बार अपील कर रही है कि कहीं न
जाएं समूहों में इकठा न हों , खास जरूरत पर ही घर से बाहर निकलें , घर से ही काम करें l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद लोगों को कोरोना से बचने के लिए 22 मार्च रविवार को जनता कर्फ्यू का आवाहन किया है और लोगों से इसे अपनाने के लिए अपील भी की है l सरकार ने इसे क़ानूनन लागू नहीं किया लेकिन लोगों द्वारा सड़कों बाज़ारों को खाली नहीं किया जा रहा है l इससे बचने के लिए एहतियातन कई शहरों में तो लॉक डाउन भी किया गया है l मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार रविवार के जनता कर्फ्यू को भी कुछ लोग मज़ाक में ले रहे हैं l शायद वो इटली के हालात से शिक्षा नहीं ले रहे कि वहां भी लोगों ने इसे सावधानी से समझा होता तो हालात बद से बदतर न होते l यदि लोग अपील को नहीं समझ रहे तो लॉक डाउन को तो समझेंगें l क्या स्वयं इसकी पहल नहीं की जा सकती जिसमें स्वयं ,समाज और राष्ट्र की भलाई है l हालाँकि सूत्र बता रहे हैं कि देश की आबादी के अनुसार यदि लोग अब भी न सम्भलें तो फिर कोई नहीं संभाल सकता l काफी जगहों पर सोसायटी को भी लोगों ने खुद ही सील कर दिया है काम करने आने वालों की भी छुट्टी कर दी गई है l
हैरानी की बात यह है कि लोग बाज़ारों में फिर भी खरीदारी करते घूम रहे हैं और इसे सीरियस नहीं ले रहे हैं l मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में हज़ारों शवों को, उनके परिवारों से पूछे बिना यहाँ वहां दफनाया दिया गया, इटली में किसी भी शव को कोई कंधा देने नहीं आया और उन्हें शहर से बाहर ले जाया गया । वे इंसान जब जिंदा थे तो अकेले हो गये थे और मरे तो लावारिस। चलो कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया।
बताया जा रहा है कोरोना वायरस एक स्थान पर अधिकतम 12 घंटे जिंदा रहता है और जनता कर्फ्यू है 14 घंटे के लिए। इस प्रकार संक्रमित क्षेत्र 14 घंटे के लिए अनछुआ रहेगा जिससे इस वायरस के आगे फैलने की कड़ी टूट जाएगी और हमारा देश सुरक्षित देश बन जाएगा। यही उद्देश्य है जनता कर्फ्यू लगाने के पीछे l
भारत के लोगों को कोरोना के बढ़ते केसों की संख्या के बाद अपने आने वाले समय को हल्के में न लेकर ज्यादा गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इनसे जुड़ी चेन आने वाले समय में सामने आएगी l चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ चार लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी l बाजार ,स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर , बसें सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं l इस आपदा में दूसरे देशों के लोग अपनी सरकार का साथ दे रहे हैं और सभी आदेशों का पालन कर रहे हैं उसी तरह हम भी अपनी केन्द्र और राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें और इस आपदा में गंभीरता से अपना ध्यान रखें और सरकार का साथ दें l अपील के अनुसार अपने घर पर रहें प्राकृतिक पद्धत्ति को अपनाएं अपना बचाव रखें l