रिपोर्ट – प्रवीण भारद्वाज /पानीपत – देश की आजादी के बाद भारत देश से अंग्रेज तो चले गए लेकिन वह भारत देश में अंग्रेजी भाषा को छोड़ गए वह भाषा जो आज पूरे भारत में अपने पैर पसार चुकी है लेकिन हमारी मातृभाषा हिंदी को चाहने वालों की आज भी कमी नहीं है और वह भारत के हर कोने में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत हैं ऐसा ही एक प्रयास भारतीय भाषा अभियान के सदस्य एवं अधिवक्ता नवीन कौशिक और उनकी टीम ने किया जो आज रंग लेकर आया और हरियाणा की सभी न्यायालयों में 11 मई 2020 से हिंदी भाषा में काम करने को अनिवार्य कर दिया गया… उन्होंने बताया कि हमारे भारतीय भाषा अभियान के राष्ट्रीय सह संयोजक आशीष राय ने 2010 में दिल्ली उच्च न्यायालय में इसी मुद्दे को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया था… इस संगोष्ठी में वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायधीश और शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया और इस पर एक चर्चा की गई जो चर्चा इतनी लंबी हुई कि 2015 में कुछ 10-20 लोगों ने भारतीय भाषा अभियान नामक संगठन बनाया और इस पर पूरी तरह से रिसर्च की उसके बाद कई बार संगोष्ठियों का आयोजन किया गया जिसमें 100 से ज्यादा वकीलों ने हिस्सा लिया फिर संविधान में जो भी प्रावधान थे उन सब पर रिसर्च की गई और यह पाया गया कि भारत की जो 22 भाषाएं हैं उनमें अंग्रेजी भाषा को सूची में भी नहीं रखा गया है वहीं उन्होंने फिर विचार किया कि जो भाषा हमारी सूची में भी नहीं है तो उस भाषा में हम काम कैसे कर रहे हैं जिसको लेकर हमने यह प्रक्रिया तेज की और एक पत्र प्रदेश के सीएम को भेजा साथ ही इस भाषा को लागू करवाने के लिए कानून बनाने के लिए प्रदेश के विधायकों से संपर्क करना शुरू किया और 90 में से 78 विधायकों से मुलाकात की और उनके एक पत्र पर समर्थन लेते हुए उनके साइन करवाएं और यह पत्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को सौंपा जिसके बाद आज 11 मई 2020 को प्रदेश की सभी न्यायालयों में हिंदी भाषा को अनिवार्य कर दिया गया है l
न्यायालयों में होने वाले अंग्रेजी भाषा में काम को हिंदी में करने के बाद खासतौर पर नए वकीलों को आने वाली दिक्कतों को लेकर नवीन कौशिक ने बताया कि आज तक उन्हें हरियाणा में ऐसा कोई वकील नहीं मिला जिसे हिंदी भाषा नहीं आती और उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि जब देश और संस्कृति की बात आती है तो यह सब चीजें मायने नहीं रखती मुझे लगता है कि हिंदी भाषा लागू करने से सहूलियत बढ़ेगी और जो लोग न्याय के लिए कोर्ट में पहुंचते हैं उन्हें भी पूरी जानकारी रहेगी कि उनके वकील ने क्या दलीलें पेश की और कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया है कोर्ट द्वारा क्या कार्रवाई की गई है वह हिंदी भाषा में लिखा जाएगा सुनाया जाएगा तो उससे न्याय प्रक्रिया में आसानी रहेगी l
उन्होंने बताया कि एक अधिनियम के तहत कोर्ट को छोड़कर हरियाणा के अन्य विभागों में हिंदी में काम करना अनिवार्य था ओर हरियाणा की राजभाषा हिंदी लिखा गया है लेकिन
जानकारी के अभाव में अधिकारियों द्वारा इग्नोर किया गया और ना जाने किस वजह से अंग्रेजी में काम चलता रहा जो गलत है वह सरकार से भी गुहार लगाते हैं कि जो चीजें अनिवार्य की गई हैं उनका पूरी तरीके से पालन किया जाए…l
आपको बता दें कि आज भारतीय भाषा अभियान के सदस्य नवीन कौशिक इसी विषय को लेकर पानीपत पहुंचे थे जहां उन्होंने पत्रकारों से रूबरू होते हुए यह जानकारी दी और हिंदी भाषा को अपने जीवन में उतारने के लिए लोगों से अपील की l