करनाल – मज़दूरों के पलायन का कारण

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करनाल – कोरोना की आपदा के समय देश के मज़दूर और अन्य काम करने वाले लोग मज़बूरी में पलायन कर रहे हैं जैसा कि देश के अलग अलग क्षेत्रों से इस तरह की खबरें आ रही हैं l सबकी सुरक्षा के लिए जो जहां है वहीं रहें बार बार कहने पर भी इन्हे कोरोना वायरस के डर से ज्यादा इन्हे भूखे मरना और रहने के लिए कोई जगह न रहना का डर  सता रहा है जिसकी वजह से इन्हे मज़बूरन पलायन करना पड़ा l इनमें सबसे ज्यादा संख्या दिल्ली से पलायन करने वालों की है l जम्मू जा रहे एक मज़दूर ब्रह्मपाल ने नाराज़गी जाहिर करते हुए बताया कि ज्यादातर लोग जहां सालों से काम करते थे उनके मालिकों ने कह दिया कि अभी हमारे पास न काम है न देने को रूपये और न ही रहने को जगह l सबसे पहले इस आपदा के समय उनके मालिकों को ही आगे आना चाहिए था सिर्फ 21 दिनों की बात थी भोजन मुहैया कराना उनके लिए बड़ी बात नहीं थी l कोरोना के संक्रमण का डर और पलायन करने वालों की भीड़ देखकर हर कोई हैरान था l शायद  इस बात का किसी को आभास नहीं कि यही दूरोंदराज से आए हुए मज़दूर असली देश के निर्माता हैं जो हर काम करते हैं रिक्शा चलाने से लेकर फैक्ट्रियां चलाना और सब्जी ,फ़ल से लेकर घर बनाना तक l
गुरुग्राम से आए एक कम्पनी में काम करने वाले और अब पलायन कर अपने घर जा रहे कीर्ति ने बताया कि जब मज़दूर पलायन कर जाने लगे तो वहां की सरकार कहने लगी पलायन न करो पहले कुछ नहीं देखा इससे तो अपना घर अच्छा है कम से कम शांति से तो रहेंगे , जैसे ही कोरोना का ज्यादा शोर हुआ और लोकडाउन हुआ सब घर की ओर जाने लगे l
इसी तरह की स्थिति घरों में काम करने वाली महिलाओं की है जो दूसरे राज्यों से घरों में काम करके अपने  परिवार का पालन पोषण करने के लिए आई हुई हैं लेकिन कुछ ही परिवार के मालिकों को छोड़कर सब इधर उधर से राशन लेकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं l जबकि पहला फर्ज मालिकों का है बाकि तो सरकार और समाजसेवी इसके लिए काम कर ही रहे हैं l यदि ऐसा सभी सोचते तो आधी समस्या वहीं हल हो जाती l न पलायन की ऐसी अफरातफरी होती और न ही संक्रमण का खतरा l