रिपोर्ट- निखिल/कुल्लू – बुधवार को शमशी में पोषण अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा खंड स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कुल्लू जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।
इस मौके पर सुशील चंद्र ने शिविर में आई आंगनबाड़ी व आशावर्कर को संबोधित करते हुये बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिये आयोडीन नमक का प्रयोग करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आयोडीन नमक के प्रयोग से महिलाओं में गर्भपात की संभावनायें काफी कम हो जाती हैं। इसके साथ ही बच्चा मंद बुद्धि पैदा नहीं होता है।
डा. सुशील चंद्र ने शिविर में आई महिलाओं को बच्चे के जन्म से छः माह तक स्तनपान करवाना, संतुलित आहार व टीकाकरण के महत्व पर भी विस्तार से जानकारी दी।
जबकि इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र सिंह आर्य ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा वर्कर को संबोधित करते हुये कहा कि अगर किशोरियों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में कुपोषण पूरी तरह से खत्म हो जायेगा।
आर्य ने महिला के गर्भधारण से दो वर्ष तक के एक हजार दिनों को बच्चे के विकास की दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने अताया कि इस अवधि में बच्चे का 80 फिसदी मस्तिष्क विकसित हो जाता है।
इस मौके पर पर्यावेक्षक चंपा शर्मा, वनीता, मुनीश व नीरज शर्मा आदि भी मौजूद रहे। जबकि इस शिविर में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी व आशा वर्कर मौजूद रही।