रिपोर्ट-निखिल/सैंज- जनप्रतिनिधियों के लंबे संघर्ष बाद पक्की हो रही सिउंड न्यूली सडक़ की गुणवत्ता पर फिर सवाल खड़े हो गए है। सडक़ पर हुई टारिंग एक ही दिन में उखडऩे लगी है। क्षेत्र के लोगों में टारिंग कर रही कंपनी एचपीपीसीएल के प्रति रोष पनप रहा है। एक ही दिन में उखड़ रही टारिंग की वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। सैकड़ों लोगों ने इस वीडियो को शेयर कर कंपनी के विरुद्ध रोष प्रकट किया है। सैंज घाटी के जनप्रतिनिधियों ने इस सडक़ की हालत सुधारने के लिए कई आंदोलन किए हैं। कई सालों से सडक़ की हालत खराब चल रही थी। सौ मेगावाट की सैंज जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस सडक़ को पक्का करने की जिम्मेदारी एचपीपीसीएल की तय हुई थी। लेकिन प्रबंधन ने इस काम को कई सालों तक लटकाए रखा। इस पर घाटी के जनप्रतिनिधियों ने अनेक बार आंदोलन किए। अन्तत: हाल ही में टारिंग का काम शुरू हुआ मगर काम इतना निम्न स्तर
का है कि कई जगह टारिंग एक ही दिन में उखड़ रही है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि परियोजना के निर्माण से घाटी की छह पंचायतें सीधे तौर पर प्रभावित हुई है। कंपनी पहले भी एक बार घटिया स्तर की टारिंग कर चुकी है। उस समय भी टारिंग एक माह में ही उखड़ गई थी। इस बार कंपनी फिर लीपापोती कर रही है। कंपनी प्रबंधन का रवैया सहयोगात्मक नही है। सियुंड न्युली सडक़ का मामला फिर उलझता देख आम जनता दुखी है। इस मामले में अब फिर
जनप्रतिनिधियों और प्रबंधन के बीच ठनने की सम्भावना है। पहले भी आठ किमी की इस सडक पर हुई टारिंग एक माह के भीतर उखडने का मामला सीएम कार्यालय तक पहुंच चुका है। इस मामले में जिला परिषद अध्यक्ष रोहिणी चौधरी ने
परियोजना का निर्माण कर रहे हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेश्न प्रबंधन को जबाबतलब किया था। जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि सैंज घाटी की देहुरीधार, शैंशर, शांघड, सुचैहण, गाडापारली और रैला पंचायत की जनता और जनप्रतिनिधियों ने उनसे शिकायत की है कि सडक़ पर काम चलाऊ टारिंग हो रही है। उन्होने कहा कि इस मामले को सीएम जयराम ठाकुर के सामने फिर उठाया जाएगा। उधर एचपीपीसीएल के प्रबंधक सुरेश शर्मा ने कहा कि सडक़ पर हो रही टारिंग की गुणवत्ता ठीक कर दी जाएगी। अगर कहीं उखड़ रही है तो ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई होगी।