रिपोर्ट -कांता पाल / नैनीताल -उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोरोना से निपटने के लिए डॉक्टरों, पेरामेडिक स्टाफ सुरक्षा व अस्पतालों में आवश्यक वस्तुओं की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में 4 मई तक पूर्ण रूप से संचालित आईसीयू सुविधा स्थापित और संचालित करने के साथ ही राज्य सरकार को यह भी आदेशित किया है कि अन्य सभी अस्पतालों में जहां-जहां आईसीयू व वेंटीलेटर की आपूर्ति की जानी है उनमें भी जल्द से जल्द आईसीयू और वेंटिलेटर को संचालित कर दिया जाए। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
आज हुई सुनवायी में महानिदेशक स्वास्थ्य के जवाब में बताया गया की न्यायालय के दिनांक 21 अप्रैल के आदेश के अनुपालन में अल्मोड़ा बागेश्वर चमोली रुद्रप्रयाग मेला अस्पताल हरिद्वार व बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल मैं आईसीयू वेंटिलेटर और थर्मल स्कैनर व ऑक्सीजन सिलेंडर सहित सभी आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति कर दी गई है।
आपको बता दे अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए राज्य में डॉक्टरों को उचित सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही उनको पूरी सुरक्षा दी जाने की मांग की थी। याचिकर्ता ने प्रदेश के डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा में दी जा रही सुविधा पर सवाल खड़ा किया जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार ने वायरस से लड़ने के लिए डॉक्टरों व सम्बन्धित स्टाफ को सरकार ने पीपीई किट के बजाय एचआइवी किट भेज दी है जो इस महामारी से लड़ने के लिए उचित नही है। और न ही राज्य के पर्वतीय जिलों सहित जिन 15 अस्पतालों को उन्होंने कोविद समर्पित अस्पताल (डेडिकेटेड अस्पताल) घोषित किया है उन अस्पतालों में भी आईसीयू और वेंटिलेटर नहीं है जबकि किसी भी कोविद समर्पित अस्पताल में आईसीयू और वेंटिलेटर अत्यंत आवश्यक है।