रिपोर्ट -कांता पाल /नैनीताल – नैनीताल में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्रतिष्ठित माँ नन्दा और सुनन्दा देवी की मूर्तियों को इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है। मूर्ति में केले के पेड़, बाँस, प्राकृतिक रंग, रुई और कपड़े समेत अन्य पर्यावरण प्रिय वस्तुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुमाऊँ भर में कुलदेवी के रूप में पूजी जाने वाली माँ नन्दा देवी महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं, मूर्ति को इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है ताकि मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा और भक्तों के दर्शनों के बाद झील में विसर्जित किया जा सके। महोत्सव को सन 1925 में लाला मोती लाल शाह ने शुरू कराया था। जिसके बाद से इसे राम सेवक सभा संचालित कराते आ रही है। नयना देवी महोत्सव में देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु माँ के दर्शन करने पहुंचते है। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से माँ के दरबार मे आता है माँ नन्दा सुनन्दा उनकी मनोकामना पूरी करती है।