रिपोर्ट -कांता पाल /नैनीताल – उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के बीडी पाण्डे अस्पताल परिसर में हुए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खंडपीठ ने अतिक्रमण कारियों को कोई राहत नहीं देते हुए उनसे सिविल न्यायालय जाने को कहा है। जनहित याचिका में आज अतिक्रमण कारियों की तरफ से प्रार्थना पत्र देकर कहा कि प्रशासन द्वारा उनके लाइट पानी के कनेक्शन काटने के आदेश हो गए है। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी एसएलपी में आदेश दिए थे कि वे उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखें। उनके सिविल वाद कई वर्षों से सिविल न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए उन्हें नहीं हटाया जाय। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद जिन अतिक्रमणकारियों के सिविल वाद जिला न्यायालय में विचाराधीन है वहाँ अपना पक्ष रखने को कहा है।
पूर्व में कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि अस्पताल की अतिक्रमण भूमि को तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए थे
आपको बता दे कि अनुसार बीड़ी पांडे जिला पुरुष चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ अशोक साह द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि जिले का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद यहां से छोटी सी जांच के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है। जबकि यहां इलाज कराने के लिए दूर दूर से मरीज आते हैं, लेकिन उनकी शुरुआती जांच कर हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान अस्पताल की 1.49 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा होने की जानकारी कोर्ट के संज्ञान में लाई गई थी। जिस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। प्रशासन की रिपोर्ट में अस्पताल की भूमि में अतिक्रमण होने की पुष्टि हुई है ।