नैनीताल-कुंभ में आने श्रद्धालुओं को लानी होगी कोविड टेस्ट रिपोर्ट

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रिपोर्ट – कान्ता पाल /नैनीताल – उत्तराखंड हाईकोर्ट ने क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्थाओ को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीएम द्वारा  जारी उस आदेश को जिसमे बिना कोविड टेस्ट श्रद्धालुओं को कुंभ में आने के इजाजत दी थी को निरस्त कर करते हुए राज्य सरकार व मेला अधिकारी को निर्देश दिए है कि कुम्भ मेले के दौरान श्रद्धालुयों को अपनी कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट लाना आवश्यक है जिन लोगो को कोविड की दो बार वैक्सीन लग चुकी है वे अपना वेक्सीन का सर्टिफिकेट साथ मे लगाएंगे और राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी का पूर्ण रूप से पालन कराया जाए। अधिवक्ता शिवभट्ट, सेक्रेटरी डीएलएसए शिवानी पसबोला और मेला अधिकारी ने अपनी निरीक्षण की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। निरीक्षण रिपोर्ट का अवलोकन करने के पश्चात कोर्ट ने एम्स के डॉक्टरों द्वारा दिये गए सुझाव पर भी विचार करने को कहा है। एम्स के डॉक्टरों ने कमेटी को सुझाव दिए थे कि प्रत्येक दस बैड पर एक डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति की जाय प्रत्येक हॉस्पिटल में सुविधायुक्त पाँच एम्बुलेंस होने चाहिए तथा एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था होनी चाहिए। याचिकर्ता ने आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को अवगत कराया गया कि मेला अधिकारी ने हर की पैडी व मेला क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है परंतु जहाँ पर महिलाएं स्नान कर रही है उनके वाशरूम अच्छी स्थिति में नही है उनमे सुविधाओं का अभाव है। कुछ लोग स्नान कर रही महिलाओं की वीडियो भी बना रहे जो उनकी गरिमा के खिलाफ है इसलिए मेला क्षेत्र में एक महिला अधिकारी की नियुक्ति की जाय जो वहाँ पर जाकर निरीक्षण करे। आईजी संजय गुंजियाल से अनुरोध किया है कि इन स्थानों पर वर्दी व बिना वर्दी के महिला पुलिस कर्मी नियुक्त किये जाय।याचिकर्ता ने अपनी रिपोर्ट मे यह भी तथ्य उठाया गया कि ऋषिकेश, तपोवन मुनिकीरेती के घाटों की हालात जर्जर अवस्था मे है सरकार ने इनको सुधारने के लिए कोई व्यवस्था नही की है । इसपर कोर्ट ने मुख्य सचिव व वित्त सचिव से इस पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने मेला अधिकारी, चीफ सेक्रेटरी, वित्त सचिव व आईजी संजय गुजियाल को निर्देश दिए है कि वे मेला क्षेत्र का अधिवक्ता के साथ तीन में निरीक्षण करेंगे और 30 मार्च तक मेला अधिकरी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे । 31 मार्च को मेला अधिकारी, चीफ सेक्रेटरी,वित्त सचिव और आईजी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होंगे।
आपको बता दे अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग अलग जनहित याचिका दायर की थी। पूर्व में बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटियां  गठित करने के आदेश दिए थे  और कमेटियों से सुझाव माँगे थे।