हल्द्वानी -हर्षिका ने रचायी कान्हा की मूर्ति से शादी

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रिपोर्ट -कांता पाल/हल्द्वानी – कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है, पर हल्द्वानी की हर्षिका की कहानी थोड़ी अलग है l यहां उसे प्यार भी हुआ तो सृष्टि के पालनहार कृष्ण भगवान से और शादी भी उसी पालनहार से हो गई, जिसे वो पिछले 15 सालों से अपने दिल में छुपाए बैठी थी, गाजे-बाजे के साथ बारात आई, वरमाला और फेरे भी हुए, लोगों ने शादी की दावत का भी खूब लुत्फ़ उठाया और साथ ही वधु हर्षिका को आर्शीवाद दिया साथ ही शगुन का टीका भी लगाया। हल्द्वानी के प्रेमपुर लोजज्ञानी में इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी पूरन चंद्र पंत की 21 वर्षीय पुत्री हर्षिका बचपन से ही दिव्यांग है। इस युवती के चेहरे की चमक देखते ही बनती है, उसके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता, अपने दैनिक कार्यों के लिए भी उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है,हर्षिका भगवान श्री कृष्ण को दिल से अपना सर्वस्व मान चुकी है, हर्षिका ने वृंदावन से लाई गई श्री कृष्ण की मूर्ति के साथ सात जन्मों तक साथ रहने के सात वचन लिए और कान्हा के नाम का सिंदूर अपनी मांग में धारण किया। दिव्यांग बेटी के माता-पिता अपनी बेटी को लेकर चिंतित रहते थे लेकिन अपनी बेटी का कान्हा के साथ प्रेम को उन्होंने भी स्वीकार किया और वृंदावन जाकर कान्हा की एक मूर्ति को घर में लाकर उससे अपनी बेटी की शादी करवा दी, हर्षिका के पिता ने बताया कि आज वह बहुत खुश है कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी भगवान श्री कृष्ण के साथ करवा दी है और भगवान को अपना घर जमाई बना लिया है, उनकी बेटी शादी के बाद भी उन्हीं के साथ रहेगी।
वहीं हर्षिका की मां बेटी की शादी से आज बहुत खुश हैं। वहीं इस मौके पर शादी करवाने वाले पंडित जी ने कहा कि ये अपने आप में अलग तरह की अनोखी शादी है और इस शादी को करवा कर उन्हें बहुत ख़ुशी मिल रही है, शादी में शामिल हुए लोगों ने भी इस अनोखी शादी को खूब इंजॉय किया।
कान्हा की प्रतिमा के साथ हर्षिता कि विवाह रस्मे पूरी हुई,  सैकड़ों बाराती इस विवाह के साक्षी बने, 8 साल की उम्र से ही हर्षिता ने भगवान कान्हा के प्रति अपना समर्पण जताया और 21 साल कि उम्र में हमेशा के लिए कान्हा की होकर रह गयी हैँ, उत्तराखंड के हल्द्वानी में कान्हा संग हुई ये शादी हर जगह चर्चा का विषय बनी हुई है।