रिपोर्ट -कांता पाल /नैनीताल- उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देहरादून के चकराता में हुए बहुचर्चित प्रेमी जोड़े की हत्या के मुख्य आरोपी राजू दास की फांसी की सजा के मामले पर सुनाई की। मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई हेतु 12 अक्तूबर की तिथि नियत की है। निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा व उसके बाकी तीन साथियों को उम्रकैद की सजा दी थी। यह आदेश अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ढकरानी मोहम्मद सुल्तान की अदालत ने दिल्ली से चकराता घूमने आए प्रेमी जोड़े से लूट, हत्या और साक्ष्य छुपाने के मामले पर 27 मार्च 2018 को दी थी।
आपको बता दे कि अभिजीत पाल पुत्र अतुल पाल निवासी कोलकाता पश्चिम बंगाल हाल निवासी नई दिल्ली और मोमिता दास पुत्री मृणाल कृष्णादास निवासी लाडो सराय नई दिल्ली 22 अक्तूबर 2014 को दिवाली की छुट्टियों में देहरादून के चकराता आए थे।
मगर इसके अगले ही दिन टाइगर फॉल घूमने के बाद दोनों लापता हो गए। मोमिता के घरवालों ने 23 अक्तूबर 2014 को उसे फोन लगाया तो संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली के लाडो सराय थाने में मोमिता की गुमशुदगी दर्ज की। पुलिस जांच में मोमिता के फोन की आखिरी लोकेशन चकराता में मिली और ईएमआई नंबर के आधार पर उसके मोबाइल में राजूदास के नाम का सिम भी ट्रैस हो गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विकासनगर और चकराता पुलिस को साथ लेकर राजूदास की तलाश शुरू की। पुलिस ने राजूदास को लाखामंडल, चकराता और टाइगर फॉल में तलाशा। पुलिस ने राजूदास को जीप के साथ गिरफ्तार किया। कड़ी पूछताछ करने पर राजूदास ने कबूला कि उसने गुड्डू, बबलू और कुंदनदास के साथ मिलकर उन्होंने प्रेमी जोड़े की हत्या की है। इसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर मोमिता का फोन ,पर्स व कपड़े पुलिस ने बरामद किए गए। शवों की खोजबीन के दौरान नौगांव से दो किमी दूर यमुना नदी किनारे से पुलिस को एक शव मिला। परिजन जोयंता पाल ने इसकी शिनाख्त अभिजीत के रूप में की। ठीक इसके 21 दिन बाद ही मोमिता दास का भी सड़ा गला शव डामटा के पास यमुना किनारे बरामद हो गया। निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा और तीन अन्य अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई। इस आदेश को अभियुक्तों द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।