रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल -उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बेतालघाट ब्लाक के खैरना व धारी में माँ शीतला देवी स्टोन क्रशर व माँ शैलपुत्री स्टोन क्रशर लगाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हुए दोनों स्टोन क्रशर मालिकों, राज्य सरकार, स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भारत सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। आपको बता दे समाज सेवी दलीप सिंह बोरा व खैरनी गाँव के चंदन सिंह और दीवान सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बेतालघाट ब्लाक के एक तरफ खैरना और धारी दूसरी तरफ धनिया खेत , बालाकोट सहित अन्य गाँव कोसी नदी के दोनों तरफ स्थित है।
इन लोगों की भूमि कोसी नदी के किनारे स्थित है। जिस जगह पर माँ शीतला स्टोन क्रेशर व माँ शैलपुत्री स्टोन क्रेशर लगाए जा रहे है वह भूमि नदी से दो सौ मीटर की दूरी पर है। यह भूमि गाँव वालों की उपजाऊ भूमि है । स्टोन क्रेशर मालिकों ने गांव वालों से बड़ी मात्रा में भूमि क्रय की हुई है। जिस स्थान पर स्टोन क्रेशर लगाए जा रहे है वहाँ पर इन गांवों के लिए 15 हजार लीटर की वाटर पम्पिंग योजना चल रही है । जिससे नुकसान होने की पूर्ण संभावना है। याचिकर्ता का कहना है कि बेतालघाट ब्लॉक में पहले से ही छः सात स्टोन क्रेशर कार्यरत है वहाँ नए स्टोन क्रशर लगाने की जरूरत नही है। पहले से कार्यरत स्टोन क्रेशरों ने क्षेत्र को दूषित कर रखा है और दो नए स्टोन क्रशर लगाने से पर्यावरण के साथ उनको उनके मवेशियों के लिए भी घातक होगा इसलिए यहाँ स्टोन क्रशर लगाने पर रोक लगाई जाय। याचिकर्ता का यह भी कहना है कि ध्वनि प्रदूषण नियमावली में स्पष्ट लिखा है कि स्टोन हर क्षेत्र में नहीं लगाए जा सकते है सरकार इनको लगाने के लिए जगह का निर्धारण करेगी। दोनों स्टोन क्रेशर इस नियमावली के विरुद्ध लगाए जा रहे है।