रिपोर्ट -कांता पाल/नैनीताल – मुस्लिम सम्प्रदाय आज त्याग एवं बलिदान का पर्व मोहर्रम मना रहा है। इस मौके पर नैनीताल में शिया समुदाय ने मातम मनाया और सुन्नी समुदाय के लोगों ने ताजिये निकाले।
शहादत का त्यौहार मोहर्रम नैनीताल में भी मनाया गया इस का महत्व इस्लाम धर्म में बहुत अधिक होता है यह इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है। ताजिया बाँस की कमाचियों पर रंग-बिरंगे कागज, पन्नी आदि चिपका कर बनाया हुआ मकबरे के आकार का वह मंडप जो मुहर्रम के दिनों में मुसलमान शिआ लोग हजरत इमाम हुसेन की कब्र के प्रतीक रूप में बनाते है और जिसके आगे बैठकर मातम करते और मासिये पढ़ते हैं। ग्यारहवें दिन जलूस के साथ ले जाकर इसे दफन किया जाता है। ताजिया हजरत इमाम हुस्सैन कि याद मे बनाया जाता है
वही शिया समुदाय के लोगो ने भी मातमी जूलूस तल्लीताल में निकला। इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 अनुयाइयों का कत्ल कर दिया गया था। हजरत हुसैन इराक के शहर करबला में यजीद की फौज से लड़ते हुए शहीद हुए थे। नैनीताल में शिया समुदाय ने मातम मनाया सभी ने अपने पैगम्बर को याद किया। गौरतलब है कि मुहर्रम कुर्बानी का प्रतीक है। वहीं मल्लीताल क्षेत्र में मुहर्रम के ताजिए निकाले गए। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के पूख्ता इंतजाम किए थे।