रिपोर्ट -कांता पाल /नैनीताल – कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल में एक भव्य और गरिमामयी समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत को एनसीसी ग्रुप नैनीताल के ग्रुप कमांडर कमोडोर बी. आर. सिंह द्वारा मानद कर्नल की उपाधि से सम्मानित किया गया। यह अवसर न केवल विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण रहा, बल्कि यह युवा सशक्तिकरण एवं राष्ट्र निर्माण में एनसीसी के माध्यम से प्रो. रावत के योगदान का प्रतीक भी बना।
समारोह का मुख्य आकर्षण प्रो. रावत की पिपिंग सेरेमनी रही, जिसमें उन्हें विधिवत रूप से कर्नल रैंक प्रदान की गई। इस अवसर पर प्रो. रावत ने कहा, यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और भावुकता का क्षण है। भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति मेरी जीवन भर की आस्था आज इस सम्मान के रूप में साकार हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र की सबसे अनुशासित और प्रेरणादायक युवा संस्था, नेशनल कैडेट कोर द्वारा प्राप्त यह मानद उपाधि मेरे लिए अत्यंत सम्मान का विषय है। इस अवसर पर अपने भावुक और प्रेरणादायक संबोधन में मानद कर्नल प्रो. दीवान सिंह रावत ने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम शिक्षा को अनुशासन और देशसेवा से जोड़ें, ताकि हमारी युवा पीढ़ी केवल योग्य नागरिक ही नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठ राष्ट्रनिर्माता भी बन सके। उन्होंने इस सम्मान को पूरे विश्वविद्यालय समुदाय, कैडेट्स और विद्यार्थियों को समर्पित किया।
इस अवसर पर एनसीसी ग्रुप नैनीताल के ग्रुप कमांडर कमोडोर बी. आर. सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एनसीसी केवल एक प्रशिक्षण संस्था नहीं, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण का एक सशक्त माध्यम है। प्रो. रावत जैसे शिक्षाविद जब इसके साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़ते हैं, तो इसका प्रभाव व्यापक और दूरगामी होता है। उन्होंने कहा कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय में एनसीसी की गतिविधियाँ अनुकरणीय रही हैं, और प्रो. रावत का मार्गदर्शन तथा दृष्टिकोण इस संस्था को नई ऊंचाइयों तक ले गया है। कमोडोर सिंह ने इस अवसर पर भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी मानद कर्नल रैंक प्रदान करने संबंधी आधिकारिक पत्र भी मंच पर प्रस्तुत किया तथा उन्हें वर्दी का मान, मर्यादा और नियम प्रदान किये। कमोडोर बी. आर. सिंह ने उन्हें मोमेंटो के साथ सम्मान का प्रतीक कैप सौंपी गई। उन्होंने आगे कहा कि यह उपाधि केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को समर्पित है जो शिक्षा और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय स्थापित करती है। यह विश्वविद्यालय और एनसीसी के परस्पर सहयोग का एक ऐतिहासिक प्रतीक बन गया है। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने सभी कैडेट्स से आह्वान किया कि वे प्रो. रावत से प्रेरणा लें और देश की सेवा में अपना सर्वाेत्तम योगदान दें। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को साकार किया।
इस कार्यक्रम के दौरान अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किये गये, समारोह के दौरान एक लघु फिल्म टीम नैनीताल का प्रदर्शन किया गया, जिसमें एनसीसी ग्रुप नैनीताल की विभिन्न गतिविधियाँ, प्रशिक्षण शिविर एवं कैडेट्स की उपलब्धियाँ दर्शाई गईं। 79 यूके बटालियन एनसीसी के कैडेट्स द्वारा नारी सशक्तिकरण पर आधारित नाटक और 5 यूके नेवल यूनिट एनसीसी द्वारा कुमाऊँ की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और सभी से सराहना प्राप्त की।
कार्यक्रम का समापन सब लेफ्टिनेंट डॉ. रीतेश साह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने डीजी एनसीसी, एडीजी एनसीसी उत्तराखंड, सभी अधिकारी गण, सैन्य कर्मियों, शिक्षक, कर्मचारी, विश्वविद्यालय परिवार और कैडेट्स का आभार प्रकट किया।
समारोह के अंतिम चरण में गौरव और सम्मान का प्रतीक गार्ड ऑफ ऑनर मानद कर्नल प्रो. दीवान सिंह रावत को 79 यूके बटालियन एनसीसी तथा 5 यूके नेवल यूनिट एनसीसी के कैडेट्स द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर कैप्टन चंदर विजय नेगी (5 यूके नेवल यूनिट एनसीसी), कैप्टन मृदुल साह, कर्नल राजेश कौशिक (79 यूके बटालियन एनसीसी), लेफ्टिनेंट कर्नल डी.के. खंडका, कमांडर अनिल मनहास, कुलसचिव डॉ. एम. एस. मंडरवाल, प्रो. नीता बोरा शर्मा, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. संजय पंत, प्रो. रजनीश पांडे, प्रो. दिव्या यू. जोशी, प्रो. एम.एस. मावरी, प्रो. चंद्रकला रावत, प्रो. एन.जी. साहू, प्रो. गिरीश रंजन तिवारी सहित विश्वविद्यालय के अनेक संकाय सदस्य, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में कैडेट्स उपस्थित रहे।