पांचवी कक्षा का बच्चा साईकिल चोरी की शिकायत लेकर पहुंचा थाने

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नन्द लाल /शाहजहांपुर – छोटा बच्चा जानके हमको ना समझाना रे। किसी फिल्म का ये गाना शाहजहांपुर के कक्षा पांच के छात्र पर बिल्कुल सही बैठ गया। यहां साईकिल चोरी होने पर बच्चे ने पुलिस के आलाकिधारी से शिकायत की तो पुलिस में नीचे से लेकर उपर तक हड़कम्प मच गया। बच्चे की शिकायत और पुलिस के आलाधिकारी की फटकार पर थाने की पुलिस को ना सिर्फ बच्चे को नई साईकिल ही लेकर देनी पड़ी बल्कि उसकी चोरी हुई किताबों तक का भुगतान पुलिस का करना पड़ा। फिल्हाल बच्चे और पुलिस के बीच की ये खबर लोगों के बीच में चर्चा का विषय बनी हुई है।

शाहजहाँपुर थाना सेहरामऊ दक्षिणी के दिलावरपुर गांव के रहने वाले विजेंद्र का बेटा  ऋषभ क्षेत्र के ही ज्ञानदीप विद्या मंदिर में कक्षा पांच में पढ़ता है। वह गांव से हर रोज स्कूल साइकिल से आता-जाता था। लेकिन
सोमबार को स्कूल से लौटते वक्त छात्र ऋषभ ने अपनी नई साईकिल थाने के बाहर खड़ी कर दी और एक दुकान पर फोटो स्टेट कराने लगा। इसी बीचे छात्र की साइकिल चोरी ही गयी थी। शिकायत लेकर छात्र थाने पहुंचा। थाने में तैनात मुंशी प्रेमकांत अवस्थी को साइकिल चोरी की बात बताई तो छोटा बच्चा समझकर मुंशी ने छात्र को थाने से डांट फटकार कर भगा दिया। जिसके बाद ऋषभ ने थाने के अंदर लिखे अधिकारियो की लिस्ट से से एसपी का नंबर लिया और एसपी के0बी0 सिंह को साइकिल चोरी की पूरी बात बताई साथ ही मुंशी की शिकायत भी कर दी। बच्चे ने बताया कि किस तरह थाने के मुन्सी ने कहा कि वो साईकिल
नही दिलवा पायेगा जाओ एसपी से जाकर साईकिल मांगों। एसपी के0बी0 सिंह ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया और थानेदार सहित पूरे स्टाफ की जमकर फटकार लगाई साथ 24 घन्टे में साईकिल नही मिलने पर सभी के खिलाफ कार्यवाही के आदेश जारी कर दिये। इसके बाद शुरू हुआ साईकिल को तलाशने का काम । साईकिल तो नही मिली। लेकिन पुलिस ने अपनी नौकरी बचाने के लिए छात्र को नई साईकिल
खरीद कर दी साथ उसके बस्ते की चोरी गई किताबे भी खरीद कर दी। जिसके बाद ही पुलिस ने चैन की सांस ली।  ऋषभ ने जब अपनी साइकिल चोरी बात एसपी के0बी0 सिंह को बताई तो एसपी ने पूरे थाने की फटकार लगाते हुए छात्र कीसाइकिल बरामद करने का फरमान सुना डाला। जिसके बाद थाने की पुलिस के लिए ऋषभ वीआईपी हो गया। उसे थाने बुलाया गय साइकिल बरामदगी के लिए दो दिन का वक्त मांगा। हालांकि थाने के पुलिस कर्मी ऋषभ को उसकी साइकिल तो बरामद नही करवा पाए लेकिन उसे दूसरी साइकिल दिलवा कर वाह वाई लूटने लगे। पुलिस की माने तो मामला सिर्फ एक बच्चे का नही बल्कि पुलिस के खराब रवैये का है l

क्योंकि पुलिस को लोगों की हर हाल में शिकायत सुनकर उसका निस्तारण करना चाहिए।  ऋषभ एक ही दिन में थाने की पुलिस के लिए दो दिन के लिए किसी वीआईपी से कम नही था। आपको बता दे कि सुनवाई के निस्तारण एसपी शाहजहांपुर को सरकार ने दस में से पूरे दस नम्बर दिये है। यहीं बजह है कि छात्र के मामले में भी एसपी शाहजंहांपुर ने इसे गंभीरता से लिया और छात्र को नई साईकिल और नई किताबे मिल गई। अब बच्चा एसपी को थैंक्यू अकंल बोल रहा है।