मुजफ्फरनगर – मुजफ्फरनगर के खतौली में कल उत्कल एक्सप्रेस की 14 बोगियों के पटरी से उतरने के बाद 22 लोगों की मौत अब तरह तरह के सवाल खड़े कर रही है कि इस भीषण हादसे की वजह क्या रही, क्यों इतने लोग रेलवे की लापरवाही से मौत के आगोश में चले गए l
इस बीच शनिवार को हादसे का शिकार हुई उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन पर रेलवे ने मान लिया है कि ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था। मीडिया से बात करते हुए ट्रैफिक रेलवे बोर्ड के सदस्य मोहम्मद जमशेद ने बताया कि इस हादसे के बाद हमने जांच के आदेश दे दिए हैं। यह एक बेहद दुखद हादसा है। हादसे में करीब 22 लोग मारे गए हैं और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जमशेद ने बताया कि रेलवे ने माना है कि ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था।
इसके अलावा जमशेद ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या सहित कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। दोषी पाए गए लोगों पर इसी दिशा में मुकदमा चलेगा। उन्होंने जानकारी दी कि आज रात 8 बजे तक सभी दुर्घटनाग्रस्त कोचों को हटा लिया जाएगा। इसके बाद पटरियों की मरम्मत का काम शुरू होगा। आज रात 10 बजे तक रूट पर ट्रेनों का संचालन संभव होगा।
हादसे में खतौली में कल जिन लोगों के घर को नुकसान पहुंचा है उनमें से एक जगत राम ने बताया की रेल ट्रैक पर पिछले दो दिन से काम चल रहा था। लोगों को इस बात की आशंका भी है कि उत्कल एक्सप्रेस के ड्राइवर को इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। जगत राम ने बताया कि उत्कल एक्सप्रेस से कुछ ही देर पहले दो ट्रेन इस ट्रैक से होकर गुजरी थी। जिसकी स्पीड काफी कम थी। उन्होंने बताया कि जब उत्कल एक्सप्रेस यहां से गुजरी तब ट्रेन की स्पीड कम नहीं हुई।
उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटना सहित पिछले पांच साल में देश में 586 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें से करीब 53 प्रतिशत घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुईं। हैरानी की बात है कि रेलवे के सुरक्षा ढांचे को बेहतर बनाने के प्रयासों के बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।