अजमेर – हिट एंड रन मामला मासूमो की आंखे तरसी माँ और पिता के लिए

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किशोर सिंह /अजमेर – अपराधियों में डर और आम जन में विश्वास यह नारा देने वाली अजमेर पुलिस क्या वाकई में आमजन पर अपना विश्वास कायम कर पाएगी आज हम यह सवाल इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि अजमेर में बीती 9 सितंबर को हुए एक सड़क हादसे में एक दंपत्ति की हुई मौत और मौत के पीछे जिम्मेदार एक ऊंचे रासुकात धनाढ्य परिवार के एक बच्चे को बचाने के लिए पुलिस ने पूरा दमखम लगा दिया है जिसके कारण आज हम इस सवाल को उठाने पर मजबूर हैं कि क्या वाकई में पुलिस इंसाफ के तराजू पर आम जनता को इंसाफ दिलाने के लिए सही तरीके से काम कर रही है

दरअसल पूरा मामला 9 सितंबर का है जब एक अग्रवाल दंपत्ति रीना गुप्ता और शेखर गुप्ता अपनी दो बच्चियों के साथ घर से निकले थे लेकिन अजमेर के सावित्री कॉलेज चौराहे के नजदीक जैसे ही वह पहुंचते हैं उसी दौरान तेज रफ्तार से आ रही एक कार ने उनको जोरदार टक्कर मार दी टक्कर इतनी जबरदस्त थी रीना गुप्ता और शेखर गुप्ता ने इस हादसे के बाद अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ दिया वही उनकी दोनों बच्चियां इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई हैरानी की बात तो यह रही कि जिस परिवार के बिगड़ैल रईस जादे के हाथों यह कारनामा हुआ वह परिवार ऊंचे रसूख हाथ को रखने वाला है यह राजीव धनेजा का  परिवार ना सिर्फ भाजपा में अपनी पकड़ को रखता है बल्कि शहर के अच्छे रहीश परिवारों की गिनती में भी आता है, इस परिवार के नजरिए से बात  की जाए तो राजीव धनेजा गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ साथ कई फिल्मी हस्तियों और बड़े-बड़े राजनेताओं के करीबी माने जाते रहे हैं यही वजह है कि जब उनके बेटे रोहन धनेजा के द्वारा इस सड़क हादसे को करते हुए  रीना गुप्ता और शेखर गुप्ता की हत्या का मामला सामने आया तब पुलिस ने की इसी परिवार का साथ देते हुए पहले तो रोहन धनेजा के द्वारा इस हादसे को करने से साफ इंकार कर दिया वही इस ऊंचे और हाई प्रोफाइल परिवार के द्वारा भी इस हादसे को उनके मैनेजर के द्वारा करना पुलिस के सामने और मीडिया के सामने रखा लेकिन जब मीडिया का प्रेशर पुलिस के ऊपर पड़ा तब पुलिस अधीक्षक ने भी इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करवाई तब इस बात का खुलासा हुआ कि जिस वक्त यह हादसा किया गया था उस वक्त राजीव धनेजा का बेटा रोहन धनेजा ही इस गाड़ी को चला रहा था

जिसके बाद आज सिविल लाइन पुलिस ने मजबूरन ना चाहते हुए भी रोहन धमीजा को गिरफ्तार किया पुलिस कि यह कार्य प्रणाली यहा भी रुकने का नाम नहीं ले रखी थी और अभी भी थानाधिकारी करणसिंह सीईओ राजेश मीणा इस उच्च और उनके रशुखात रखने वाले राजीव धनेजा के परिवार का ही पक्ष लेने में लगे थे यही वजह थी कि मीडिया को इन सब से दूर रखा गया और गुपचुप तरीके से बिना मीडिया को बताए कोर्ट के समक्ष रोहन धमीजा को पेश किया गया जहां से कोर्ट ने दी रोहन धमीजा को जमानत दे दी

अब सवाल ये उठता है कि जिस खाकी  पर आमजन को विश्वास कराने के लिए सरकार लाखों करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाने में लगी है ऐसे पुलिस अधिकारियों के द्वारा ऊंचे रसूखात रखने वाले अमीर  परिवारों के बिगड़ैल रईसजादों पूरा अधिकार है कि क्या इस तरह से सड़क पर चल रहे आम लोगों को कुचल कर मार दिया जाए और उसके बाद पुलिस इनका साथ देकर इनको बचाने में लगी जाती है

सवाल यह भी उठता है कि आखिर ऊंचे रसूख हाथ रखने वाले ऊंचे रसूख हाथ रखने वाले बिगड़ैल रईसजादों पर जब पुलिस की लगाम नहीं लगा पाएगी और पुलिस ही इनका इस तरह से साथ देगी तो आखिर इन पर लगाम लगाएगा कौन

एक सवाल यह भी उठता है किस मृतक दंपति की दोनों बच्चियों को जब पुलिस इंसाफ नहीं दिला आएगी तो आखिर इनको  इंसाफ कौन दिलाएगा