अपराध करने वाले के साथ-साथ अपराध को सहने वाला भी होता है बराबर का भागीदार – निशांत कुमार यादव

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करनाल – बाल संरक्षण तथा बच्चों के साथ होने वाले दुराचार पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (ब्वाइज)में पोक्सो एक्ट 2012 से सम्बन्धित जागरूकता शिविर का आयोजन अतिरिक्त उपायुक्त निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में किया गया। शिविर के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ने स्कूल के बच्चों को पोक्सो एक्ट से सम्बन्धित जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों के साथ होने वाले दुराचार, अत्याचार व यौन शोषण के खिलाफ पोक्सो एक्ट 2012 में लागू किया गया। उन्होंने कहा कि बच्चों को चाहिए की वे राष्ट्रपिता महात्मा गंाधी जी विचारधारा न जुर्म करो तथा न ही सहो का पालन करें तथा अपने साथ होने वाले यौन अपराध की तुरन्त शिकायत करें।
उन्होंने कहा कि इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य 0-18 वर्ष तक के बच्चों (लडक़े तथा लड़कियों) के साथ होने वाले शारीरिक यौन-शोषण पर अंकुश लगाकर उन्हें गुड टच तथा बैड टच इत्यादि की जानकारी देना है। एडीसी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति इस तरह के कुकृत्य को अंजाम देता है या देने की कोशिश भी करता है तो उसे पोक्सो एक्ट अनुसार 3,5,7,10 तथा उम्रकैद तक की सजा तथा आर्थिक दंड का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे के साथ इस तरह की हरकत होती है या करने का प्रयास भी किया जाता है तो तुरन्त उसकी जानकारी सर्वप्रथम अपने माता-पिता तथा चाईल्ड हैल्प लाईन नम्बर 1098 पर दे। उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा शिकायत स्कूल प्रबन्धन कमेटी या प्रिंसिपल को निसंकोच न कह पाए तो उसके लिए स्कूल में शिकायत पेटिका भी लगाई गई है वह अपनी शिकायत लिखकर उसमें डाल सकता है, जिसपर जिला प्रशासन की ओर से तुरन्त कार्यवाही की जाएगी।
इस अवसर पर जिला न्यायवादी ने कहा कि कानून परिवर्तनशील है जिसमें समय-समय अनुसार बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने निर्भया कांड का उदाहरण देते हुए कहा कि देश में इस तरह के जघन्य अपराध ने कानून में परिवर्तन लाने के लिए मजबूर कर दिया। उस दौरान यह फैसला लिया गया कि अगर कोई नाबालिक पोक्सो एक्ट के तहत् अपराधी माना जाता है तो उसके  साथ भी वयस्क की तरह ही व्यवहार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के वर्तमान युग में बाल अपराध एक काफी ज्वलंत मुद्दा है यदि इसके खिलाफ समय पर आवाज न उठाई जाए तो यह गम्भीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराधों के लिए काफी सख्त कानून बनाएं गए है।
इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना कादियान ने बच्चों को पोक्सो एक्ट के तहत् गुड टच तथा बैड टच के बारे में जानकारी दी तथा उन्होंने बताया कि अगर बच्चे के साथ यौन दुराचार होता है तो 24 घण्टे के अन्दर पीडित बच्चें का मैडिकल करवाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत् यदि कोई यौन उत्पीडऩ का मामला सामने आता है तो पुलिस कर्मी भी बच्चे के साथ सिविल ड्रैस में मित्र जैसा व्यवहार करेंगे। इस दौरान डॉ विजय कौशिक, शिक्षा विभाग के अधिकारी, स्कूल के प्रिसिंपल तथा अध्यापकहगण भी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन :- जागरूकता शिविर के दौरान बच्चों को पोक्सो एक्ट की जानकारी देते अतिरिक्त उपायुक्त निशांत कुमार यादव