‘आईएस ने इराक़ की ऐतिहासिक अल नूरा मस्जिद को उड़ाया’
बगदाद – आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने मोसुल की प्रसिद्ध झुकी हुई मीनार और उससे जुड़ी नूरी मस्जिद को बुधवार को विस्फोट कर उड़ा दिया। यह वही मस्जिद है, जहां IS के नेता अबू बकर अल बगदादी ने साल 2014 में पहली बार लोगों के सामने आकर खुद को खलीफा बताया था।
IS ने अपनी अमाक प्रोपेगेंडा एजेंसी के जरिए बयान जारी कर आरोप लगाया कि अमेरिकी स्ट्राइक से मस्जिद जमींदोज हो गई है। वहीं, अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने इस विध्वंस की निंदा करते हुए इसे मोसुल और सभी इराक के लोगों के खिलाफ अपराध करार दिया। स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुलमिर याराल्लाह ने कहा कि हमारी सेना पुराने शहर में अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी। जब वे नूरी मस्जिद के 50 मीटर के दायरे पर पहुंच गए, तो IS ने नूरी मस्जिद और हद्बा मस्जिद को धमाके से उड़ा दिया। मोसुल की इस दो विख्यात मस्जिदें ऐसे समय में तबाह हुई हैं, जब अमेरिका के नेतृत्व वाली सेना से मोसुल में आईएस की चार दिनों से भयंकर लड़ाई चल रही है।
तीन साल पहले जब बगदादी ने खिलाफत की घोषणा की थी, तब से अब तक जिहादी संगठन ने इराक और सीरिया में बड़ी संख्या में धरोहर स्थलों और स्मारकों को तबाह किया है। इराक के सुन्नी बहुल इलाके में कब्जा जमाने के बाद आईएस ने अपनी खिलाफत की घोषणा की थी और तब मोसुल की नूरी मस्जिद में बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया था। सार्वजनिक रूप से बगदादी उसके बाद कभी नहीं देखा गया और न ही यह पता लग पाया है कि वह कहां और किस हाल में है।
आईएस ने नूरी मस्जिद के साथ हद्बा मीनार को भी धमाके में उड़ा दिया है। कभी यह मोसुल की यह लोकप्रिय इमारत हुआ करती थी, जिसे इराक का टावर ऑफ पीसा भी कहा जाता था। इसका निर्माण 1172 में पूरा हुआ था और मीनार अपने अद्भुत आकार के लिए शहर की पहचान बन गई थी। हर स्थानीय दुकानों के चिह्नों, विज्ञापनों में यह दिखती थी और कई रेस्ट्रॉन्ट, कंपनियां और स्पोर्ट्स क्लब इसके नाम पर चलते थे। आईएस ने मोसुल पर कब्जा जमाने के बाद कई धरोहर स्थलों जमीदोंज करने के बाद इसे भी गिराने की करने की कोशिश की थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण पहले वह ऐसा नहीं कर सके थे।