करनाल – करनाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राउंड 3 की लिस्ट जारी हो चुकी है और इस बार हरियाणा के करनाल जिले को इसमें जगह मिली है। शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में राउंड 3 की सूची जारी की गई। शहरों के नाम की घोषणा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने की।
इसमें 30 शहरों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया गया, जिसमें करनाल 12वें नंबर पर है। सूची में केरल की राजधानी तिरुवंतपुरम शीर्ष पर है। छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नवा रायपुर दूसरे स्थान पर है।लिस्ट में उत्तरप्रदेश से अलीगढ़, झांसी, इलाहाबाद को जगह मिली है। इनके अलावा उत्तराखंड से देहरादून, जम्मू कश्मीर से जम्मू और श्रीनगर, हिमाचल से शिमला भी शामिल हैं। गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अब तक 90 शहरों का चयन कर लिया गया है।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इन 30 शहरों पर 57, 393 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की योजना है। वहीं इनको मिलाकर अब ऐसे शहरों की कुल संख्या 90 से अधिक हो गई है और खर्च की कुल लागत 1,91,155 करोड़ रुपए आएगी। स्मार्ट के लिए आज 30 शहरों वाली घोषित की गई सूची में करनाल का 12वां स्थान आया है। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के शहरी विकास मंत्री एम. वंकैया नायडू, शहरी विकास राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, शहरी विकास विभाग भारत सरकार के सचिव राजीव गौबा तथा सी.ई.ओ. अमिताभ कांत उपस्थित थे। यह जानकारी नगर निगम के आयुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने आज यहां दी।
उल्लेखनीय है कि तीसरे दौर के लिए नगर निगम करनाल ने जनवरी 2017 से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी। इसके लिए देश की चुनिंदा एजेंसियों में से एक ‘‘क्रिसिल’’ (क्रेडिट रेटिंग इन्फोरमेषन सर्विसिस ऑफ इण्डिया लिमिटेड) को सरकार द्वारा नियुक्त किया गया। इस एजेंसी द्वारा करनाल में करीब 3 महीने तक कार्य करने के बाद 1295.81 करोड़ रूपये की कुल खर्चे वाली एक स्मार्ट सिटी प्रपोजल (एस.सी.पी.) तैयार की गई। प्रपोजल के लिए शहर के मुगल कैनाल सब्जी मण्ड़ी व घण्टाघर चौंक जैसे भिन्न-भिन्न क्षेत्रों का सर्वे किया गया। सड़कें, फुटपाथ, पार्क, युवाओं के लिए खोले गए जॉब ऑरिएंटिड व कैरियर एन्हासमेंट केन्द्रों का दौरा किया गया। ऐसे स्थानों का भी निरीक्षण किया गया, जहां ट्रैफिक कंट्रोल के लिए पुलिस और नगर निगम द्वारा व्यवस्था करवाई जा रही हैं। पिछली प्रस्तावित योजना की खामियों को भी देखा गया और सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद षहर के पार्शदों और आम नागरिकों की राय भी ली गई। इसके पश्चात 720 एकड़ का क्षेत्र चिन्हित करके एक व्यापक प्रपोजल तैयार करके उसे पहले जिला टास्क फोर्स में विचार व सुझावों को षामिल कर और फिर राज्य स्तर पर हाई पावर कमेटी से अनुमोदित करवाकर गत 31 मार्च 2017 को केन्द्रीय षहरी विकास मंत्रालय को भेजा गया।
आयुक्त ने बताया कि स्मार्ट सिटी का मतलब ऐसे श हरों से हैं, जहां पानी और बिजली की पर्याप्त व्यवस्था हो। साथ ही साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन, परिवहन के बेहतरीन साधन, तकनीकी कनेक्टिविटी, ई-गवर्नेंस, नागरिकों की सुरक्षा तथा सुशासन में नागरिकों की भागीदारी जैसी कई सुविधाएं मौजूद हों। उन्होने बताया कि स्मार्ट सिटी से करनाल शहर के विकास में तेजी आएगी। लोगों के लिए बिजली, पानी, ट्रैफिक सुरक्षा और अन्य ढांचागत व आधारभूत आवष्यकताओं की पूर्ति होगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बढेंगे। आयुक्त नगर निगम ने बताया कि करनाल में स्मार्ट मोबीलिटी, जिसमें पैदल यात्री पथ, स्मार्ट रोड़, विवेकपूर्ण यातायात प्रबंधन प्रणाली, ट्रैफिक सिग्लन, पार्किंग, स्मार्ट साईनेज़, सिटी गाईड मैप तथा पब्लिक बाईक शेयरिंग सिस्टम शामिल हैं। इसी प्रकार शहरी बुनियादी ढांचे में स्ट्रोम वाटर की उचित निकासी, बेहतर सीवरेज व्यवस्था और ट्रीटमेंट प्लांट से अषुद्ध पानी की रि-साईकलिंग, स्मार्ट शोचालय, सोलिड वेस्ट मेनेजमैंट प्लांट से कूड़े-कचरे का उचित प्रबंधन, पार्कों में ओपन एयर जिम व फ्री वाई-फाई, सड़कों व गलियों में एल.ई.डी. लाईट तथा मलिन बस्तिओं में व्यापक स्तर पर मूलभूत सुविधाओं दी जांएगी। स्मार्ट सिटी प्रपोजल में इन सभी सुविधाओं को बढाने का प्रावधान किया गया था।
उन्होने आगे बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के खर्च में एरिया बेस्ड अर्थात क्षेत्र आधारित विकास के लिए 1061.05 करोड़ रूपये तथा पैन सिटी सोल्युशन के लिए 149.99 करोड़ रूपये शामिल किए गए हैं। करनाल शहर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ओर प्रदेश की राजधानी चण्डीगढ़ के मध्य में राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर-1 पर स्थित है, जिसमें एन.एच.-1 व रेल कनेक्टिविटी है। हवाई यात्रा के स्तर से भी यहां की हवाई पट्टी घरेलू सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार की योजना में विचाराधीन है। रोजगार और आर्थिक दृश्टि से यहां षॉपिंग मॉल, बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग, अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किए जाने वाले कृषि यंत्र व लैदर उद्योग स्थापित हैं, जिनसे आने वाले समय में यहां के आर्थिक विकास को ओर अधिक बढ़ावा मिलेगा।
उन्होने बताया कि सड़क यातायात के बुनियादी ढांचे से भी करनाल सुदृढ़ है। यहां सड़कों को पर्यावरणीय व स्मार्ट बनाया गया है। ट्रैफिक मुक्त कनैक्टिविटी के लिए नगर निगम और पी.डब्ल्यू.डी. विभाग द्वारा सड़कों का विस्तार और मरम्मत का काम किया गया है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए करनाल में मैडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया व प्रदेश सरकार के प्रयासों से राजकीय कल्पना चावला मैडिकल कॉलेज स्थापित है।
डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि किसी भी षहर को स्मार्ट बनाने के लिए धनराषि की विषेश आवष्यकता होती है। करनाल को स्मार्ट बनाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के अनुदानों के अलावा अन्य संसाधनों से भी वित्तीय सहायता मिलेगी और इस प्रकार करनाल के विकास में करीब 1295.81 करोड़ रूपये का खर्चा आएगा। इस राषि से करनाल में विकास के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं और संसाधन आसानी से उपलब्ध होंगे और अगले 2 वर्षों में सिटी की स्मार्टनेस दिखने लगेगी तथा यहां की सुरत बदलेगी।
आयुक्त ने बताया कि स्मार्ट सिटी घोषणा होने के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार की ओर से करनाल को 200 करोड़ रूपये की राशि तुरंत जारी कर दी जाएगी। इसके लिए करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड इकाई का गठन होगा, जिसे एस.पी.वी. (स्पैशल पर्पस व्हीकल) कहा जाता है। जिसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में सरकार के अधिकारी भी रहेंगे। इसके अतिरिक्त नगर निगम की मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर भी एडवाईज़री कॉउंसिल का हिस्सा बनेगें।