नैनीताल हाईकोर्ट ने महिलाओ पर एसिट अटैक के मामले में राज्य सरकार को दिए निर्देश

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कान्तापाल/नैनीताल – नैनीताल हाईकोर्ट ने महिलाओ पर एसिट अटैक के मामले में बडा फैसला देते हुए
राज्य सरकार को निर्देश  दिए है कि  वो एसिड अटैक पीड़ित की तुरंत एफआईआर दर्ज करे,
साथ ही खुले में एसिड की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश देते हुए एसिड अटैक
पीड़ित को तुरंत 1 लाख का मुवावजा और 7 हजार प्रति माह देने के निर्देश
दिए है। एसिड अटैक मामले में रुड़की के एक मामले सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट
की खंडपीठ ने कड़ा कदम उठाते हुए एसिड अटैक के आरोपी के खिलाफ 7 दिन में
रिपोर्ट दर्ज कर न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं।

साथ ही हाईकोट की खंडपीठ ने एसिड अटेक के मामले में

1 चार सप्ताह में क्रिमिनल इंजरी कंपनशेसन बोर्ड का गठन करने,,
2 सभी प्राइवेट अस्पताल एसिड पीड़ित को मेडिकल एड मुहैय्या कराने,,
3 खुले में एसिड की बिक्री पर रोक लगाने,,
4 लाइसेंस धारी ही एसिड बेचने,,
5 बिना लाइसेंस एसिड की बिक्री करने वालों पर एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दिए है।
साथ ही सभी एसएसपी  को निर्देश दिए है कि पुलिस 326 (।)घ् 326 (ठ) 354
(।) 354 (ठ) 354 (ब्) 354 (क्) की धाराओं में मुकदमा दर्ज करे और एसिड
अटैक मामले पुलिस जांच सात दिनों में पूरी करे।
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिए है कि एसिड अटैक के मामलों का
ट्रायर डे-टू-डे बेस पर हो और ट्रायल तीन महीने में पूरा किया जाए साथ ही
एसिड अटैक की घटना के चश्मदीद को पुलिस सुरक्षा देने के आदेश भी दिए
है,,, और एसिड अटैक पीड़ित को दिव्यांगता की श्रेणी में रखने के भी
निर्देश दिए है।
आपको बतादे कि एसिड अटैक के एक पुराने मामले में रुड़की निवासी
शिकायतकर्ता कुंवर सिंह ने 18 दिसंबर 2009 को रुड़की कोतवाली में तहरीर
देकर कहा था कि उनकी पुत्री कविता ट्यूशन पढ़कर घर आ रही थी तब आरोपी ने
उनकी बेटी के ऊपर तेजाब(एसिड) डाल दिया जिससे उसका मुंह जल गया निचली
अदालत से आरोपी बयानों के अभाव में आरोपी 2010 को बरी हो गया था जिसके
खिलाफ सरकार ने हाईकोट की शरण में आई जिसमे आज उत्तराखंड हाईकोर्ट की
खंडपीठ ने आरोपी को सुनाई 10 साल की सजा। 2009 में रुड़की में हुआ था
एसिड अटैक। एसिड अटैक पीड़ित को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश। पीड़ित
के पिता ने याचिका दायर की थी l