कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शुरू हुई पंजाब, हरियाणा, हिमाचल से आए पत्रकारों की सात दिवसीय कार्यशाला

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कुरुक्षेत्र –  माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला ने कहा है कि सामाजिक जीवन में हम एक दूसरे को जिस तरह से कैसे हो, क्या खबर है, क्या हाल चाल है, पत्रकारिता इसी का विस्तार है। मनुष्य धरती पर एक ऐसा जीव है जिसका संवाद के बिना विकास हो नहीं सकता। मनुष्य जाति के विकास के लिए समाज में संवाद होना जरूरी है। मनुष्य जाति को विस्तार संचार पत्रकार देता है। इसलिए पत्रकारिता पर बड़ा दायित्व है व समाज को बड़ी अपेक्षाएं हैं। वे सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं विश्व संवाद केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर प्रोफेसर बीके कुठियाला, डीन कामर्स एवं मैनेजमेंट प्रोफेसर मंजूला चौधरी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के उतर क्षेत्र के प्रचारक अनिल कुमार व विश्व संवाद केन्द्र के प्रभारी राजेश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया। इस मौके पर प्रो. कुठियाला एवं प्रो. मंजुला चौधरी ने जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की शिक्षिका डॉ. मधुदीप सिंह व डॉ. बंसीलाल की पुस्तकों का विमोचन किया।

इस मौके पर बोलते हुए प्रो. कुठियाला ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह पत्रकारिता का भी समाज पर व्यापक प्रभाव है। मीडिया का कार्य समाचारों के जरिये समाज को जोडऩा है। नारद मुनि विश्व के ऐसे सर्वश्रेष्ठ लोकसंचारक रहे हैं जिन्होंने समाज को जोडऩे के लिए अपने जीवन को लगाया। उन्होंने कहा कि इस धरती पर हर कोई एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है व हर कोई एक-दूसरे पर निर्भर है। समाचारपत्रों व टेलिविजन चैनल में हमारे जीवन की कहानियां हैं जिनका हम सब प्रभाव पड़ता है। हमारे चारों तरफ क्या हो रहा है, इसे जानने की जिज्ञासा प्रत्येक व्यक्ति में है। इसलिए पत्रकारिता क्या हाल चाल का ही विस्तार है। नई तकनीक ने इसके दायरे को बढ़ा दिया है। पिछले 100 वर्षों में दुनिया काफी आगे बढ़ गई है। मीडिया ने मनुष्य की दुनिया का विस्तार किया है। समाचार व संचार मानवता व मनुष्यता का विस्तार है। मनुष्यता के विस्तार के लिए आज मीडिया क्षेत्र में भी विशेषज्ञों की जरूरत है। नई तकनीक, नवाचार व भाषा को अपना साथी बनाकर कोई भी पत्रकारिता के क्षेत्र में सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम ने हमें आधी-अधूरी पत्रकारिता दी है। हमारे संस्कार व संस्कृति में जो पत्रकारिता है, उसे सीखने व सीखाने की जरूरत है। मीडिया का कार्य समाज को जोडऩा है। समाज हित में पत्रकारिता कर ही मीडिया देश के विकास में सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है।

इस मौके पर उन्होंने इस सात दिवसीय कार्यशाला में भाग ले रहे सभी प्रतिभागियो को शुभकामनाएं दी। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित डीन कॉमर्स एंड मैनेजमैंट प्रो. मंजुला चौधरी ने कहा कि जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की यह खूबी है कि वह इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर करवाता रहता है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में मीडिया का कंटेंट अब फलैक्सिबल हो रहा है। अब जब चाहे किसी भी कार्यक्रम को देखा जा सकता है। लोग अपनी जरूरत के अनुसार कार्यक्रम देखते हैं। यूजर जनरेटिड कंटेंट की डिमांड बढ़ रही है। पत्रकारिता में कदम रख रहे भावी पत्रकारों को इस दिशा मेंं विचार करने की जरूरत है। उन्होंने अमेरिका, फ्रांस व कई देशों के मीडिया की स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए मीडिया कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख अनिल कुमार ने कहा कि इस सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान एवं विश्व संवाद केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। इस शिविर में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल से पत्रकार साथी प्रशिक्षण लेने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज का महत्वपूर्ण अंग है। मीडिया को समझने के लिए उसका प्रशिक्षण जरूरी है। समाज के संचालन का मूल व्यक्ति है। व्यक्ति से ही समाज व देश का निर्माण होता है। व्यक्ति की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। व्यक्ति को बनाने में समाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को बनाने में कम से कम एक हजार लोगों की भूमिका होती है ऐसे में यह कहना कि व्यक्ति ने स्वयं का निर्माण खुद किया है, यह गलत है। उन्होंने बताया कि मीडिया और समाज जब मिलकर काम करते हैं, उस मंच का नाम विश्व संवाद केन्द्र है। इस केन्द्र के माध्यम से समाज जीवन से मीडिया में जाने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाता है। यह प्रशिक्षण शिविर भी मीडियाकर्मियों के जीवन को दिशा देने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि अब तक इस केन्द्र के माध्यम से 4 ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है।

विश्व संवाद केन्द्र के सचिव राजेश कुमार ने कहा विचार सेवा, समरसता, सकारात्मकता, राष्ट्रीय विचारों को पत्रकारिता के माध्यम से प्रोत्साहन देना विश्व संवाद केन्द्र का मुख्य उद्देश्य है। समाज में हो रही घटनाएं ठीक तरीके से लोगों के सामने पहुंंचे व घटनाओं के पीछे की घटनाओं को जानने के लिए ही 90 के दशक में विश्व संवाद केन्द्र की स्थापना की गई थी। विश्व संवाद केन्द्र समाचारों का संकलन व वितरण तो करता ही है साथ ही यह सेवा, समरसता, सकारात्मकता को प्रोत्साहित करने वाली विचार एंजेसी है। देश व समाज को अच्छे पत्रकारों की आवश्यकता है। उनके निर्माण के लिए विश्व संवाद केन्द्र निरंतर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है। इस मौके पर उन्होंने विश्व संवाद केन्द्र की ओर किए जा रहे कार्यों के बारे में भी बताया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे इस कार्यशाला का लाभ उठाकर खुद में मीडिया कौशल विकसित करें।

जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. एसएस बूरा ने कहा कि पत्रकारिता समाज व व्यवस्था के बीच की कड़ी है। समाज व व्यवस्था के बीच संतुलन बनाने में मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उसी उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कार्यशाला में भाग ले रहे सभी प्रतिभागियों को बधाई दी।
इस मौके पर डॉ. मधुदीप सिंह ने सभी का धन्यवाद किया व डॉ. बंसीलाल ने मंच का संचालन किया। इस मौके पर विभाग के शिक्षक रोमा सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. आबिद अली, पप्पु कटारिया, अनिल भटनागर, डॉ. प्रदीप राय, सतीश राणा, रोशन लाल, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. सीडीएस कौशल, डॉ. कुलदीप सहित तीन राज्यों से आए प्रतिभागी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

सात दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला, डीन कॉमर्स प्रो. मंजुला चौधरी व अन्य गणमान्य लोगों ने विभाग की शिक्षिका डॉ. मधुदीप सिंह की पुस्तक न्यूज मीडिया व डॉ. बंसी लाल की पुस्तक हिन्दी पत्रकारिता में अम्बेडकर का योगदान का विमोचन किया।