कौशल/सैंज – कहते है यदि महेनत की कमाई हो उसे कोई भी नहीं छीन सकता है। ऐसे में भगवान सहायता के लिये किसी न किसी रूप में आ जाता है।ऐसी ही घटना सैंज में एक चपल के व्यापारी के साथ घटी। घटना ऐसी थी कि जिला स्तरीय सैंज मेले में चप्पल का व्यापार करने आए एक पंजाबी व्यापारी का सामान का बैग जीप से उतारते समय सड़क से नीचे ढांक मैं गिर गया| सड़क से नीचे इतना ख़तरनाक ढंकार था कि पंजाबी व्यापारी उसको निकालने में असमर्थ था| ऐसी स्थिति में पंजाबी व्यापारी की सहायता के लिए कोई भी शख्स आगे नहीं आया | ऐसे में पंजाबी व्यापारी बहुत परेशान था | सैंज घाटी की शेंशर पंचायत के महेंद्र पाल पालसरा एक छोटी गाड़ी में सैंज की और आ रहे थे। उन्होंने देखा कि एक पंजाबी सड़क के नीचे ढंकार में क्या करने जा रहा है| महेंद्र पालसरा ने जब पंजाबी को पूछा कि क्या हुआ पंजाबी व्यापारी ने महेंद्र पालसरा को अपनी व्यथा सुनाई| महेंद्र ने पंजाबी व्यापारी की व्यथा सुनकर अपनी जान की परवाह न करते हुए डांक से व्यापारी का वैग निकले का प्रयास किया। बैग ऐसी जगह फंसा था कि थोड़ी सी चलने में चूक हो जाए तो जान जा सकती है। जान की परवाह किए बिना महेंद्र ने कड़ी मशक्कत के साथ पंजाबी के बैग को डांक से निकालकर उसके हवाले किया| महेंद्र पाल सिंह द्वारा एक पंजाबी व्यापारी की सहायता करने पर पंजाबी व्यापारी ने महेंद्र पालसरा को दुआ दी व तहदिल से धन्यवाद कर गले लगाया। महेंद्र पालसरा दुआरा एक पंजाबी व्यापारी की सहायता कर सैंज घाटी का नाम रोशन किया। वहीं उनकी ईमानदारी और हिम्मत की चर्चा पूरी सैंज घाटी में है।महेंद्र पालसरा पेशे
से पत्रकार है औऱ एक ईमानदार छवि के व्यक्ति है।