केलांग (हिoप्रo) – अच्छी फसल व खुशहाली के लिए लाहुल में मनाया बुम्सकोर पर्व

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प्रेम/केलांग – हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के चंद्रा वैली में इन दिनों फसल बिजाई के बाद अच्छी फ सल की कामना व खुशहाली और समृद्धि के लिए बुम्सकोर मनाया जा रहा है। स्थानीय बोली बुम्सकोर शब्द का अर्थ बौद्ध पवित्र ग्रंथ कंज्ञूर तंज्ञूर के 108 पत्रियां के खेतों में परिक्रमा करवाने से हैं। चंद्रा व गाहर घाटी के अलग-अलग हिस्सों में लामाओं द्वारा विशेष पूजा-अर्चना के बाद महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं से संबंधित बौद्ध ग्रंथ की परिक्रमा खेतों में करवाई जाती है। मंगलवार को पूर्णमाशी के अवसर पर मुख्य लामा पलजोर की उपस्थिति में गोंदला के मने गोंपा में खुशहाली समृद्धि व विश्व शांति के लिए विषेश पूजा पाठ की गई। इसके पश्चात इलाके के लोग विशेषकर महिलाएंं पारंपारिक वेशभूषा में सज-धज कर वाद्ययंत्र के धुनों के बीच बौद्ध पवित्र ग्रंथ  को लेकर परिक्रमा करती हैं।

लामाओं के अनुसार महात्मा बुद्ध ने इसी महीनें जन्म, बुद्धत्व तथा निमार्ण की प्राप्ति की इसलिए बौद्ध पंचाग में इस महीने का बहुत महत्व है। बौद्ध भिक्षुणी छिमेद युडोन लमों ने बताया कि वुमस्कोर पर्व में बौद्ध पवित्र ग्रंथ कं ज्ञूर तंज्ञूर की परिक्रमा स्थानीय महिलाओं द्वारा खेतों में परिक्रमा करवाई जाती है ताकि अच्छी फ सल हो और इलाके की खुशहाली व समृद्धि की कामना की जाती है, व विश्व शांति के लिए विशेष पूजा पाठ गोंपाओं में की गई, वहीं अन्य बौद्ध भिक्षुणी ने बताया कि 108 बौद्ध ग्रंथ कंज्ञूर तंज्ञूर की परिक्रमा से खेतों में अच्छी फ सल की कामना की जाती है।