नई दिल्ली – गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाशत नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी जिलों में सीनियर पुलिस अफसर को नोडल अफसर के तौर पर नियुक्त किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा है कि उनको गौ सेवा के नाम पर संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे ताकि वे लोग कानून को अपने हाथ में ना ले सकें। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र का नाम प्रमुख तौर पर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की तरफ से गए तुषार मेहता ने कहा गौ रक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा के लिए कानून मौजूद हैं। इसपर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वह भी जानते हैं कि कानून मौजूद है पर फिर एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा? चीफ जस्टिस ने सलाह दी कि प्लान बनाया जा सकता है जिससे ऐसी घटनाएं ना बढ़ें l
केंद्र सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि देश के अलग-अलग राज्यों में गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा के मामलों में कार्रवाई करना राज्य सरकार का काम है। केंद्र किसी भी राज्य में मौजूद स्वयंभू गोरक्षकों का समर्थन नहीं करता।