राजनंदगांव – इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर छत्तीसगढ़ से आई है जहां मुख्यमंत्री रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र राजनंदगांव में एक परिवार को अपनी बच्ची का शव ठेले पर ले जाना पड़ा. बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल ने शव ले जाने के लिए कथित तौर पर एंबुलेंस मुहैया कराने से इनकार कर दिया, जिसके बाद परिवार को मजबूरी में बच्ची के शव को ठेले में ले जाना पड़ा. कुछ ऐसी ही तस्वीर उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद से भी देखने को मिली जहां ट्रेन की चपेट में आने के बाद एक महिला की मौत हो गई थी और उसके बाद पोस्टमार्टम के लिए उसके शव को एंबुलेंस की जगह पर रिक्शा से ले जाया गया I
इससे पहले उत्तर प्रदेश के कौशांबी ज़िले में भी एक मामा अपनी छह महीने की मासूम भांजी का शव साइकिल पर ले जाने को मजबूर हुआ था I मामला कौशांबी जिले के सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव का था. यहां रहने वाले एक शख्स की 6 महीने की बेटी को सुबह अचानक उल्टी-दस्त होने लगा था. उसे जिला अस्पताल लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अनंत कुमार ने बताया कि जब वह एम्बुलेंस के ड्राइवर के पास गया तो उसने 800 रुपए मांगे. पैसे न होने की बात कहने पर उसने शव ले जाने से मना कर दिया. डॉक्टरों से बात की तो उन लोगों ने शव वाहन का नंबर दिया. उस नम्बर पर फोन करने पर ड्राइवर ने कहा कि गाड़ी में तेल नहीं है. इसी बीच बच्ची का मामा आ गया और अपने बहनोई को रोते बिलखते देखा तो उसने शव को कंधे पर उठाया और साइकिल से 10 किलोमीटर दूर गांव को चल दिया I