पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर व भय रहित समन्वय होगा मैत्रीभाव प्रोजेक्ट

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करनाल – हरियाणा में पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर व भय रहित समन्वय स्थापित करने को लेकर मैत्रीभाव की नई संस्कृति का उदय हो गया है। प्रदेश के करनाल से इसकी शुरूआत होने जा रही है। पुलिस में आधुनिक समावेश के नए युग की शुरूआत की परिकल्पना मुख्यमंत्री श्री मनेाहर लाल ने की थी, जो साकार हो गई है और स्वयं मुख्यमंत्री 27 नवंबर को स्थानीय सिविल लाईन थाना में बनाए गए मित्र कक्ष को पुलिस व जनता के लिए समर्पित करेंगे।  जिला के दोनो आला अधिकारी उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया व पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने आज प्रात: नवनिर्मित मित्र कक्ष का दौरा किया। उनके साथ पुलिस हाऊसिंग कॉर्पोरेशन के अधीक्षण अभियंता के.एन. भट्ट तथा कार्यकारी अभियंता विनोद रावल भी थे।

उपायुक्त ने इस अवसर पर बताया कि मित्र कक्ष विदेशी तर्ज पर बनाए गए हैं और इनकी कार्यशैली भी उसी तरह से रहेगी। प्रदेश में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इनकी शुरूआत करनाल और रोहतक दो जिलो से की गई है। दोनो जगह इनके भवन बनकर तैयार हो गए हैं। उन्होने बताया कि करनाल जिला में सबसे पहला मित्र कक्ष सिविल लाईन थाना में बनकर उदघाटन के लिए तैयार है। यह महिला थाना एवं सिविल लाईन का संयुक्त मित्र कक्ष है। मित्र कक्ष का निर्माण पुलिस हाऊसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा किया गया है तथा इसके निर्माण पर 30 लाख रूपये की लागत आई है। इसी तरह के मित्र कक्ष, लघु सचिवालय स्थित जिला पुलिस मुख्यालय तथा मधुबन, घरौण्डा, इन्द्री, बुटाना तथा असंध थानो में बनाए गए हैं। प्रत्येक मित्र कक्ष पर 21 लाख रूपये की राशि खर्च हुई है। उन्होने बताया कि प्रदेश के रोहतक में भी इतनी ही संख्या में मित्र कक्ष बनाए गए हैं।
जिला पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त मित्र कक्ष में पुलिस विभाग के एक अधिकारी इंचार्ज के रूप में बैठेंगे तथा शेष स्टाफ में कम्प्यूटर एक्सपर्ट होंगे। डयूटी पर सभी की सिविल ड्रैस रहेगी। यहां आने वाली जनता की शिकायत का समाधान तय समय सीमा में किया जाएगा और समाधान के लिए निर्धारित शुल्क भी वाजिब तथा कम से कम होगा। उन्होने बताया कि मित्र कक्ष में एक बड़ा हाल व दो कमरे हैं, जिनमें कम्प्यूटर सिस्टम, ए.सी., एल.ई.डी. जैसे आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जबकि उम्दा फर्नीचर व वाटर कुलर उपलब्ध करवाया गया है।
मित्र कक्ष में उपलब्ध सेवाओं की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसमें शिकायतों का पंजीकरण, गुमशुदा सम्पति की वैरीफिकेशन, साईबर कैफे वैरीफिकेशन, होटल रजिस्ट्रेशन, तथा कम्यूनिटी लायजऩ ग्रुप यानि सामुदायिक मेलजोल समूह में पुलिस भागीदारी लेने जैसी सुविधाएं निशुल्क व तत्काल उपलब्ध करवाई जाएंगी। जबकि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त करने की फीस मात्र 10 रूपये होगी और मांगी गई जानकारी निर्धारित 30 दिन की अवधि में दी जाएगी। इसी प्रकार चरित्र प्रमाण पत्र, कर्मचारी नियुक्ति की वैरीफिकेशन, जागरण व अन्य कार्यक्रम आयोजन करने की अनुमति, पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना, प्रोसेेसन अथवा प्रदर्शन या धार्मिक यात्रा निकालने की अनुमति लेना, घरेलू सहायता वैरीफिकेशन, प्रोटेस्ट अथवा स्ट्राईक की अनुमति, किराएदार की वैरिफिकेशन करवाना तथा किसी व्यक्ति द्वारा धमकी मिलने पर उसकी एसेसमेंट करवाने जैसी सुविधाओं के लिए मात्र 50 रूपये की फीस रखी गई है और इनकी समयावधि 15 दिन निर्धारित की गई है। प्राईवेट सिक्योरिटी एजेंसी की वैरीफिकेशन की अवधि भी 15 दिन ही रहेगी, लेकिन इसका शुल्क 500 रूपये रखा गया है।