सुरेंद्र /भिवानी – जिले के गांव रिवासा में बुधवार दोपहर को टैंक खुदाई के दौरान इकटठा की गई मिटटी तले दबने से एक महिला मजदूर की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य महिला मजदूर गंभीर रूप से जख्मी हो गए, सभी महिलाओं को उपचार के लिए जिला सामान्य अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया। गांव में हुए इस हादसे के बाद गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीण भी अस्पताल पहुंच गए और इस हादसे की शिकार हुई महिला मजदूरों का कुशलक्षेप जाना। वहीं हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल आरंभ कर दी।
गांव रिवासा निवासी रामकिशन ने बताया कि गांव में वाटर टैंक की खुदाई के दौरान निकली मिटटी को पहाड़ की शक्ल में इकटठा कर दिया गया था। जिसका उठान कर मस्जिद से निगाना मार्ग पर डालने का कार्य मनरेगा के तहत करवाया जा रहा था। बुधवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे महिला मनरेगा मजदूर 50 वर्षीय मीना, प्रीति, अंजू, कृष्णा, सुनीता, संतरा, मुकेश मिटटी उठाने का कार्य कर रही थी कि इसी दौरान मिटटी का बड़ा हिस्सा उन पर आ गिरा। इस वजह से मनरेगा महिला मजदूर मीना की मिटटी तले दबने के कारण मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य आधा दर्जन महिला मजदूरों को गंभीर हालत में जिला सामान्य अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया। मृतक मीना के पति रामकिशन का आरोप है कि मनरेगा के तहत करीबन 50 मजदूर साइट पर काम कर रहे थे, लेकिन उसकी पत्नी सहित सात महिला मजदूरों को मना किए जाने के बावजूद भी ऊंची मिटटी की ढाह पर जबरन काम करने के लिए लगा दिया गया। उनका यह भी आरोप है कि यह हादसा सरपंच की लापरवाही से हुआ हैं, जब इतनी ऊंची मिटटी का पहाड़ बना हुआ था तो इसके उठान से पहले उसकी मिटटी की कटाई करवाना जरूरी था,अगर ऐसा किया होता तो शायद उसकी पत्नी की जान नहीं जाती। उसका यह भी कहना है कि इस मिटटी को उठान के लिए इन महिला मनरेगा मजदूरों ने मना कर दिया था, मगर फिर भी सरपंच ने जबरन उन्हें इस काम पर लगा दिया। जिस वजह से ये हादसा हुआ है। वहीं मनरेगा महिला मजदूर की मौत के बाद परिजनों ने जिला सामान्य अस्पताल परिसर में भी जमकर हंगामा किया और सरपंच पर आरोपों की झड़ी लगा दी। इस हादसे की सूचना मिलते ही कई मजदूर संगठनों के पदाधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना वहीं मनरेगा मजदूर की मौत प्रकरण की जांच की मांग उठाई वहीं मृतका के परिजनों को जिला प्रशासन एवं सरकार से भी आर्थिक मदद की मांग की गई।
वहीं गांव के सरपंच सुभाष का कहना था कि मिटटी ढह जाने से तीन महिला मजदूर गंभीर रूप से जख्मी हुई थी, जिसमें एक महिला की मौके पर ही मौत हो चुकी थी और दो अन्य महिलाओं को वो खुद जिला सामान्य अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि गांव में सडक़ निर्माण का कार्य चल रहा था, जिसे लेकर मिटटी उठान किया जा रहा था, इसी दौरान यह हादसा हुआ है। उन्होंने कहा कि किसी भी मजदूर से कोई जबरन कार्य नहीं कराया जा रहा था, कार्य पूरे नियम और कायदे के अनुसार ही हो रहा था। वहीं पुलिस ने भी मृतक महिला के शव को कब्जे में लेकर जिला सामान्य अस्पताल में उसका पोस्टमार्टम कराया और परिजनों के बयान दर्ज कर इस सम्बंध में आगामी कार्रवाई आरंभ कर दी।