शाहजहांपुर -11 बच्चों की मौत के बाद भी नहीं गए गांव तक मन्त्री, पर किया जिम का उदघाटन

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नंदलाल /शाहजहांपुर  – गोरखपुर के बाद अब शाहजहांपुर में  सबसे ज्यादा 11 बच्चों की मौतें  एक ही गांव में हो गई लेकिन यूपी के कैबिनेट मन्त्री शाहजहांपुर मे जिम का विज्ञापन और उदघाटन करते और जिम में कसरत तो नजर आए लेकिन मर रहे बच्चो ंके परिवारों में अफ़सोस तक जाहिर करने नहीं जा सके । आलम ये है कि सुरेश कुमार खन्ना ने अब तक गांव जाने की जहमत नही उठाई। इलाके के लोगो ने मन्त्री इस करतूत पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। वहीं जब मन्त्री से इस बावत सवाल किया गया तो उन्हे इसका जबाव में उनका गला सूख गया और जो जबाव था वो भी शर्मिन्दा करने वाला था।

शहर में जिम का फीता काटकर उसका उदघाटन करने के बाद कैबिनेट मन्त्री उसी जिम में कसरत भी करने लगे क्योंकि उनके पास जिम के उदघाटन और फीता काटने का वक्त था । लेकिन वही दूसरी तरफ ये नजारा शहर से महज 30 किलोमीटर दूसरी पर जलालाबाद के मनोरथुपर गांव का है जहां महिलाए एक बच्ची की मौत पर मातम कर रही है। इसी गांव में पिछले एक महीने पर डिप्थीरिया यानी गलाघोटू बीमारी से 11 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौते हो चुकी हैं। गोरखपुर के बाद पूरे सूबे में ये एक अकेला ऐसा गांव है जहां सबसे ज्यादा बच्चों की मौते हुई है। कैबिनेट मन्त्री सुरेश कुमार खन्ना शहर विधायक है और वर्तमान में नगर विकास और संसदीय कार्यमन्त्री है। योगी के बाद दूसरे नम्बर पर इनकी गिनती की जाती है। स्थानीय नागरिक ,अरूण कुमार सिंह ने कहा ये अपने आप में शर्म की बात है कि मन्त्री जी के बाद एक प्राईवेट जिम का फीता काटने और जिम में बेवजह की कसरत करने का तो बहुत वक्त है लेकिन उनके पास मरने वाले बच्चों के परिवार वालो ंसे मिलने का जरा भी वक्त नही है। आलम ये है कि अभी भी इस गांव में दर्जनों बच्चे जिन्दगी और मौत से जूझ रहे है। यहीं वजह है कि इलाके के लोग मानवता भूल चुके इस मन्त्री से बेहद नाराज हैं।

पिछले एक महीने में 11 बच्चों की मौत के बाद कुछ दिन तो स्वास्थ्य विभाग की हरकत नजर आयी लेकिन इसके बाद स्वास्थ्य विभाग भी इतनी मौतों को नजर अन्दाज कर गया। राजेश कुमार पाठक ने बताया कि  आलम ये है कि अभी भी कई बच्चे डिप्थीरियां का शिकार है। लेकिन मन्त्री जी को इन सब बातो से कोई सरोकार नही है। इधर आदित्य दीक्षित, स्थानीय नागरिक ने बताया , देखिए किस तरह वो एक प्राईवेट जिम का अपने बयानों के जरिए विज्ञापन कर रहे हैं।लेकिन जब बच्चों की मौतों का डेरा बन चुके गांव में जाने की बात पर सवाल किया गया तो वो अपनी बगले झाकने लगे। जबाव में बोले कि प्रोग्राम बनाएंगे।

गोरखपुर में बच्चों की मौतों के बाद सूबे के मुखिया सहित तमाम मंत्री  और आलाफसरों ने अस्पताल दौरा किया और कार्यवाही भी की। लेकिन इसके बाद सबसे ज्यादा बच्चों की मौतों वाले इस गांव के लिए प्रदेश के
मन्त्री को प्रोग्राम बनाना पड़ रहा है। जब महज 20 मिनट में उस गांव में पहंुचा जा सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि इन मन्त्री के लिए जिम का उदघाटन और उसमें कसरत जरूरी है या फिर उन मां बाप का दर्द जानना जिन्होने अपने लाडलों को खोया है।