Karnal:चुनाव का बिगुल पूरी तरह बज चुका है और देश के लगभग 1/3 हिस्से से उम्मीदवारों की किस्मत ई वी एम् में बंद हो गई है, पर इस बार राजधानी दिल्ली से लगे हरियाणा में कांग्रेस ने अभी भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है l क्योंकि उम्मीदवारों का चयन करने में हाई कमान के पसीने छूट रहे हैं l हालात ये हो गए हैं कि असली माने जाने वाले दावेदार तो पतली गली से निकलने में ही अपनी भलाई मानकर चल रहे हैं l मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने अब लोक सभा चुनाव अकेले ही लड़ने का फैसला किया है क्योंकि गठबंधन हो नहीं सका है , ऊपर से गठबंधन की आस में जो इतने दिन खराब हुए वो अलग l कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि एक तो इससे चुनाव प्रचार में देरी हुई है और दूसरा यह भी साफ तौर पर पता चलता है कि पार्टी में सही दिशा निर्देश का अभाव दिख रहा है l वैसे तो हरियाणा में ज्यादा समय कांग्रेस की ही सरकार रही है जिस कारण उनकी वोट बैंक पर भी मजबूत पकड़ थी ,लेकिन हरियाणा में नेताओं के अलग अलग गुटों में बंटने के कारण अपनी डफली अपना राग अलापा गया और कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है l बताया जा रहा है कि अभी तक चार जगह करनाल , कुरुक्षेत्र, सोनीपत , हिसार में गुटबाज़ी के कारण ही उम्मीदवार तय नहीं हो पा रहे हैं l आज करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में विपक्ष बिखर चुका है l
इसी कारण उनके कार्यकर्ता भी दुविधा में फंसे हुए है कि किसे अपना नेता मानें l लेकिन सफल लोकतंत्र होने के लिए विपक्ष का होना भी जरूरी है l