नैनीताल – गुरु गोविंद सिंह जी का 353 वां प्रकाश पर्व मनाया गया

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रिपोर्ट – कांता पाल /नैनीताल- गुरु गोविंद सिंह जी का 353 वां प्रकाश पर्व पर गुरूद्वारा सिंघ सभा के तत्वावधान में रामलीला मैदान से शोभायात्रा निकाली गई। जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने चल रहे समागम एवं नगर कीर्तन में पहुॅच कर मत्था टेका तथा देश के लिए सुख-समृद्धि, शान्ति, खुशहाली, तरक्की, आयुष्य और आरोग्य की दुआ मांगी। श्री बंसल ने कहा कि समाज के उत्थान एवं दीन-दुखियों के कल्याण हेतु गुरू गोविन्द सिंह द्वारा किए त्याग और सेवा के कार्यों से देश की युवा पीढ़ी को सीख लेनी चाहिए।
गौरतलब है कि गुरु गोबिंद सिंह को ज्ञान, सैन्य क्षमता और दूरदृष्टि का सम्मिश्रण माना जाता है। उनका जन्म पटना साहिब में हुआ था और वहां उनकी याद में एक खूबसूरत गुरुद्वारा भी निर्मित किया गया है। वे सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने ही साल 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया। गुरु साहिब ने सिख धर्म को जीवन के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु बताये। जिनमें अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाने, अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में देने, गुरुवाणी को कंठस्थ करें, काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतने, अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचने, यदि धर्म एवं मजलूमों पर कोई अत्याचार कर रहा है और समझाने के बाद भी नहीं माने तो धर्म और मजलूमों कि रक्षा के लिए हथियार उठाने से नहीं डरना चाहिये, किसी की चुगली-निंदा से बचें और किसी से ईष्र्या करने के बजाय मेहनत करें, किसी भी विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद शख्स की मदद जरूर करने, अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करने, खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने और घुड़सवारी की प्रैक्टिस जरूर करने, किसी भी तरह के नशे,तंबाकू एवं मादक पदार्थों का सेवन न करना शामिल हैं।