चंडीगढ़ – कोविड-19 महामारी के फैलने के लिए 5जी टेस्टिंग को जिम्मेदार ठहराये जाने के बारे में फैलाई जा रही गलत सूचनाओं के मद्देनजर, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने हरियाणा के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर उनसे इस तरह की अफवाहों पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।
पत्र में कहा गया है कि कुछ शरारती तत्व यह अफवाह फैला रहे हैं कि कोविड महामारी से हो रही लोगों की मौतें और स्वास्थ्य समस्याएं 5जी टेस्टिंग के कारण हो रही हैं ना कि कोरोना वायरस की वजह से।
सीओएआई ने अपने पत्र में कहा है कि, “हम इस बात पर प्रकाश डालना चाहते हैं कि इस प्रकार की अफवाहें पिछले दो हफ्तों में मुख्य रूप से सेमी-अर्बन और ग्रामीण क्षेत्रों में फैली हैं। हरियाणा राज्य में इस तरह की गलत सूचनाओं में वृद्धि हुई है।” पत्र में कहा गया है कि ऐसी कई घटनाएं हैं जिनमें हरियाणा राज्य में किसान समूह भी कोविड महामारी को 5जी सेवाओं से जोड़ने के मिथक पर उत्तेजित हो रहे हैं।
“इस संबंध में, एक उद्योग संघ होने के नाते, हम यह बताना चाहते हैं कि इस तरह की गलत सूचनाऐं / अफवाहें निराधार हैं और ऐसे कोई सबूत या तथ्य नहीं है जो यह दर्शाते हों कि 5जी सेवाओं का कोविड-9 के संदर्भ में कोई हानिकारक प्रभाव है,” पत्र में कहा गया है।
पत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि, “वायरस रेडियो तरंगों / मोबाइल नेटवर्क पर नहीं चल सकता है। कोविड-9 विभिन्न देशों में फैल रहा है जिनके पास 5जी नेटवर्क नहीं है” ।
सीओएआई ने हरियाणा के मुख्य सचिव से जिला मजिस्ट्रेट/जिला अधिकारियों/पुलिस को टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और संबंधित संपत्तियों की सुरक्षा करने और इस तरह की गलत सूचनाऐं फैलाने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर 5जी टेस्टिंग से कोरोना वायरस की दूसरी लहर पैदा होने वाले भ्रामक संदेशों के चलते, जिनके के कारण मोबाइल टावरों को भी निशाना बनाया गया, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने अपनी हालिया प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया है कि ये संदेश झूठे हैं। प्रेस बयान में बताया गया कि आम जनता को सूचित किया जाता है कि 5जी तकनीक और कोविड-19 के फैलने में कोई संबंध नहीं है और उनसे अपील की जाती है कि वे इस मामले में गलत सूचनाओं और अफवाहों से भ्रमित न हों।
डीओटी की प्रेस विज्ञप्ति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत में कहीं भी 5जी नेटवर्क की टेस्टिंग शुरू नहीं हुई है। तो यह दावा कि 5जी परीक्षण भारत में कोरोना वायरस का कारण बन रहा है, निराधार और झूठा है।