रिपोर्ट -कांता पाल /नैनीताल – उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल बी डी पांडे अस्पताल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड नही होने व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश देते हुए तीन सप्ताह के भीतर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने कहा है।
मामले को कोर्ट ने कई शिकायतों का संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। जिसमे कहा गया कि बीड़ी पांडे अस्पताल में मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से मरीजों को दिक्कतों के साथ हल्द्वानी से अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है। जो भी अल्ट्रासाउंड यहां हो रहे है उनसे पैसा लिया जा रहा है। डॉक्टर तय समय पर अस्पताल का दौरा नही करते है। अस्पताल में कई अनियमितताएं हो रही है। कोर्ट ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि उनके पास प्रदेश के कई सरकारी अस्पताल की शिकायत भी आ रही है। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने कहा कि वे एक बार पौड़ी के अस्पताल में पट्टी बंधवाने गए तो उनसे भी 700 रुपये लिए गए। इसलिए जो कर्मचारी अस्पताल में है वे अपनी जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी करें। जब कोर्ट संज्ञान लेती है तभी अस्पताल प्रशासन कार्य करता है । महाधिवक्ता एनएस बाबुलकर ने कोर्ट को अवगत कराया कि डॉक्टरों व स्टाफ की कमी है। अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट भी नही है।