जयपुर – उत्तराखंड व राजस्थान के औषधि विभाग की टीम ने रुड़की के भगवानपुर कस्बे के मक्खनपुर गांव में एक किराए के गोदाम पर छापा मारकर नकली दवाओं का जखीरा पकड़ा है। टीम ने 50 पेटियों में रखी नकली दवाओं को जब्त कर लिया है। यहां पर राजस्थान में सप्लाई की गई दवाओं के बड़ी मात्रा में पैकिंंग का सामान, रैपर, खाली कैप्सूल व बोतलें बरामद की हैं। भगवानपुर में दवा बनाने वाली छोटी-मोटी कई कंपनियां हैं। इनकी आड़ में एक गोदाम में नकली दवाएं बनाकर राजस्थान में सप्लाई की जाती थी।
राजस्थान में जून में नकली दवाइयां पकड़ी गईं थीं। इस पर औषधि विभाग ने ट्रांसपोर्टर से संपर्क किया। उनसे पता चला कि यह सप्लाई उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के भगवानपुर कस्बे के गांव मक्खनपुर से आई है। मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग भी जांच में जुट गया। पता किया जा रहा है कि यहां से तैयार नकली दवाइयां राजस्थान के अलावा कहां-कहां सप्लाई की हैं और जिस घर में दवाइयां बनती थीं, उसके मालिक से भी पूछताछ की जाएगी। यह गोदाम भी किराए पर चलाया जा रहा था।
भगवानपुर क्षेत्र के मक्खनपुर में नकली दवाई के कारोबार की शिकायत पर जयपुर से ड्रग इंस्पेक्टर अजय कुमार और नरेन्द्र कुमार हरिद्वार के नीरज कुमार के साथ संबंधित ठिकाने पर पहुंचे। यहां दुकान और गोदाम पर ताले लटके मिले। इस पर टीम ने ताले तोड़ दिए। भीतर जांच पड़ताल करने पर बड़ी तादाद में तैयार नकली दवाई मिलीं। इनमें कई नामी गिरामी कंपनियों की भी तैयार दवाइयां थीं। आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि गोदाम और दुकानें ईशा पुत्र शमशाद और ईशा के चाचा वाजिद की हैं जिसे उन्होंने मोहम्मदपुर निवासी विपिन भटनागर को किराए पर दे रखा है। औषधि विभाग ने 2 जून को जयपुर के रेल नगर के कमला एंटरप्राइजेज के गोदाम से 60 लाख रुपए की सेफपोडोकिस्म, सेफेक्सिम जैसी दवाएं जब्त की थीं। इसके अलावा अलवर, सीकर, दौसा, भीलवाड़ा, कोटा में कार्रवाई करके 250 से ज्यादा नमूने लेकर लैब मेंं जांच के लिए भेजा। इसके अलावा 1.54 करोड़ की दवाएं जब्त तथा 10 लाख की फ्रीज की हैं।
विभाग की ओर से लिए गए नमूनों में से 5 कंपनियों के अब तक 30 से ज्यादा सैंपलों में शून्य घटक मिला है। अजय फाटक, ड्रग कंट्रोलर प्रथम ने कहा, राजस्थान से दो अधिकारियों को भेजकर रुड़की की पुलिस व औषधि विभाग ने दबिश देकर नकली दवाओं का जखीरा पकड़ा गया है। आरोपियों को गिरफ्तार कर आईपीसी, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट तथा कॉपीराइट की धारा के तहत मामला दर्ज कराया गया है।