शाहजहांपुर में सांपो का आंतक

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नन्दलाल/ शाहजहांपुर – इन्सानों पर सांपों के तेज होते हमले अब लोगों के लिए आंतक की वजह
बन गये हैं। आलम ये है कि सरकारी अस्पतालों में पिछले एक हफ्ते में तीन
दर्जन से ज्यादा सांप काटने के मामले दर्ज किये गये है जिनमें लगभग दर्जन
लोगों की मौत के मूंह में जा चुके है। डाक्टरों की माने तो सांप के काटे
जाने पर तुरन्त चिकित्सा न मिलने पर मौत हो सकती है। फिल्हाल सांपों के
तादात बड़ने और सांप के डसे जाने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी के चलते लोगों
में दहशत बरकरार है।
सांप जिसका नाम सुनते ही इन्सानी जिस्म में सिरहन सी दौड़ जाती है। यहीं
सांप इन दिनों यानि की बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा हमलावर हो जाते है।
यहीं बजह है कि सांपों के डसें जाने के मामले में तेेजी से बढ़ोत्तरी दर्ज
की जा रही हैं। शाहजहांपुर जिला अस्पताल में सांप के काटे जाने के मरीजों
की तादात लगातार बढ़ती जा रही है। यहां दर्ज आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले
एक हफ्ते में सांप के काटे जाने के 35 मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती
कराया गया है जिनमें लगभग आधा दर्जन लोगों की मौत तक हो चुकी है। कई ऐसे
लोग भी है जो प्राईवेट तौर पर भी सांप काटे जाने का इलाज करा रहे हैं।
सांप पकड़ने वाले जानकारों की माने तो सांप बरसात के मौसम में चूंहों और
मेढकों के शिकार की तलाश में घरों में घुस जाते है और अपने बचाव में
लोगों को डंस लेते हैं।
हालांकि जिला अस्पताल में सांप के काटे जाने वाली खास दवा एन्टीवेनम
प्रयाप्त मात्रा में मौजूद है। लेकिन जरूरत है कि सांप काटे जाने के जल्द
से जल्द एन्टीवेनम की डोज मरीज को मिल जाये वरना मरीज की जान जा सकती है।
डा0 अनुराग  पाराशरी इमरजेंसी आफिसर, जिला अस्पताल ने बताया कि बरसात के
मौसम में सांपों के बिलों में पानी भर जाता है और शिकार की संभावनाएं भी
कम हो जाती हैं यही बजह है कि सांप इन्सानों की बीच में बड़ी तादात में
पहंुच रहे हैं। ऐसे में ये सांप लोगों के लिए किसी आतंक से कम साबित नही
हो रहा है। क्योंकि ये लोगों के लिए एक ऐसा दुश्मन है जो कभी भी कहीं भी
हमला कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि सांप के काटे जाने पर जितनी जल्दी
हो सके मरीज को अस्पताल ले जाये ताकि उसकी जान बचाई जा सके।