कान्तापाल/ नैनीताल – नैनीताल जिले के भीमताल मालुवा ताल मे स्वास्थ्य और सड़क सेवा के अभाव में घर में पल रहे एक नवजात की जान चली गई मलवा ताल ग्रामसभा में प्रसव पीड़ित को परिजन और ग्रामीण चारपाई पर लिटा कर कलसा नदी को पार करते हुए हुए 6 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई पैदल चलने के बाद हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे लेकिन उनकी सारी मेहनत शासन-प्रशासन की लचर व्यवस्था के आगे बेकार हो गई क्योंकि वह नन्ही सी जान को नहीं बचा पाए। रात के समय गांव मलुवाताल के कंनाली में उमा गंगोला को प्रसव पीड़ा उठी जिसके बाद गांव से बूढाधूरा तक का सफर पैदल तय करने के साथ ही उफान पर बह रही कलास नदी को भी पार करना पड़ता है I
संसाधनों के अभाव में परिजनों ने प्रसव पीड़ित को चारपाई पर लिटा कर सुबह 5:00 बजे जंगलिया गांव तक 6 किलोमीटर का सफर करीब 3 घंटे में तय किया जहां से गर्भवती को वाहन द्वारा भीमताल सीएचसी लाया गया लेकिन भीमताल के अस्पताल द्वारा उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया जहां पेट में पल रहे मृत पुत्र ने जन्म लिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया मलुवाताल में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा है रामसिंह गंगोला स्थानीय निवासी ने बताया कि विस्थापन को लेकर सरकार ने यहां के सभी कार्य रोक दिए हैं जिस कारण परेशानियों का सामना हम ग्रामीणों को करना पड़ा है पुल वह सड़क आज तक नहीं बन पाया है कई बार ज्ञापन देने के बाद भी प्रशासन की आँख नहीं खुली है ।