नन्द लाल / शाहजहांपुर -यूपी के शाहजहांपुर में सात पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करायी गई है। इनमें तीन शाहजहांपुर के तीन कोतवाला और बरेली के तीन थानाध्यक्ष और एक कान्सटेबल शामिल है। सभी पर एक युवक के अहपहरण के बाद हत्या के मामले में तथ्यों को छिपाने और रफादफा करने के गंभीर आरोप लगे है। मुकदमा सीबीसीआई की जांच के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर दर्ज कराया गया है। फिल्हाल इस मामले में सभी की गिरफतारी की तैयारी की जा रही है। दअरसल 2011 में शाहजहांपुर के जलालाबाद थाना क्षेत्र के समैतीपुर गांव के रहने वाले रामसरन का अपहरण हो गया था और दूसरे उसकी लाश तक नहीं दी I
मृतक की अपहरण के बाद हत्या की गई थी। तत्कालीन थानाध्यक्ष रामवीर सिंह ने न ही हत्या का मामला दर्ज किया और न ही इसकी रिपोर्ट को जीडी पर दर्ज किया साथ इस हत्या से जुड़े तथ्यों को छिपा लिया। इतना ही इसके बाद दो और थानाध्यक्षो सुशील कुमार वर्मा और राजवीर सिंह ने भी मामले को रफा दफा करने में लगे रहे। बाद बरेली के भमौरा थाने ने मामला शाहजहांपुर के जलालाबाद भेज दिया।
यहां भी तत्कालीन तीन कोतवालों एमएम खान, चन्द्रकान्त मिश्रा, अशोक कुमार सिंह ने मामले में एफआईआर लगा दी। एफआर लगने के बाद वादी नन्दराम ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायद दर्ज करायी। शिकायत के बाद इस पूरे मामले की जांच सीबीसीआईडी के एसपी ने की। जांच में सभी 6 पुलिसकर्मियों को पूरे मामले में कानून की अवहेलना और सरकारी पद पर रहते हुए किसी को नुकसान पहंुचाने का देाषी पाया। इसी आधार पर थाना जलालाबाद में धारा 166ए(बी) के तहत मुकमदमा दर्ज किया गया है। फिल्हाल इस मामले में सभी 7 पुलिसकर्मियों की गिरफतारी की कोशिश की जा रही है।