हाली पानीपत ट्रस्ट की ओर से गोष्ठी का आयोजन

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सुमित/ पानीपत – प्रसिद्ध रंगकर्मी  सफदर हाशमी के 117 वें बलिदान दिवस पर हाली पानीपत ट्रस्ट की ओर से माता सीता रानी सेवा संस्था के कार्यालय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए भगत सिंह से दोस्ती मंच के संयोजक दीपक कथूरिया ने कहा कि सफदर हाशमी का बलिदान निरंकुश सत्ता के विरुद्ध संघर्ष की गाथा है। उन्होंने शोषित एवम दबे कुचले तबके की आवाज बनकर शोषक वर्गों को ललकारा ओर अपने जीवन को देकर समूचे संघर्ष को प्रेरणा दी। उनकी शहादत युगों युगों तक तब तक  याद की जाएगी; जब तक अन्याय, अत्याचार एवम शोषक वर्ग पर आधारित व्यवस्था रहेगी। सफदर हाशमी ने गीत , कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को जगाने की कोशिश की। वह जानते थे कि उनका रास्ता सरल नही है, फिर भी उन्होंने इस रास्ते को चुना और अपनी तमाम ऊर्जा को दलित ओर पिछड़े वर्गों की तरक्की के लिए लगा दिया। उन्होंने बाल श्रमिकों एवम महिलाओ के लिये ऐसे गीतों की रचना की जो आज एक संवाहक के रूप में इन वर्गों का नेतृत्व करते है।सफदर हाशमी आज उन्ही आवाजो का प्रतिनिधित्व करते है तथा हम मानते हैं कि उनकी रचनाएं संघर्ष का प्रतीक है। बैठक को ब्रेकथ्रू संस्था के प्रबंधक संजय कुमार एवं युवा कार्यकर्ता प्रदीप बंसल,हाली पानीपत ट्रस्ट की महासचिव  राममोहन राय ,माता सीता रानी सेवा संस्था की कार्यकारी सचिव एवं परामर्शदात्री सुनीता आनन्द ने भी सम्बोधित किया।