इनेलो 7 मार्च को दिल्ली में बड़ा आंदोलन करेगी – अभय सिंह चौटाला

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सुमित / पानीपत – हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता चौ.अभय सिंह चौटाला ने कहा कि 14 नंवबर 2016 को सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा की जीवन रेखा एसवाईएल के निर्माण को लेकर हरियाणा प्रदेश के हक में फैसला दिया था और उसमें केंद्र सरकार को नहर बनवाने और बंटवारे के वक्त के हिसाब से पानी देने को कहा गया था पर आज करीब 13 माह बीतने पर भी प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार ने इस मामले में कुछ नहीं किया। जिससे साबित होता हैं कि भाजपा सरकार किसानों की कितनी बढ़ी हितैषी हैं।

उन्होंने कहा कि इनैलो कार्यकर्ता  पिछले वर्ष 23 फरवरी को नहर की खुदाई करने अंबाला जिले में शंभु बोर्डर पर गए थे और फिर 7 मार्च को एसवाईएल के निर्माण को लेकर संसद का घेराव किया था। उन्होंने कहा कि अब इनैलो ने एसवाईल के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा गया हैं। यदि वे हमें मिलने के लिए समय देते हैं तो इनैलो का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलकर एसवाईएल बनवाने की मांग करेगा और यदि उन्होंने हमें मिलने के लिए समय ही नहीं दिया तो इनैलो 23 फरवरी तक इंतजार करेंगी। उसके बाद इनैलो 7 मार्च को दिल्ली में बड़ा आंदोलन करेगी। अभय चौटाला आज जीटी रोड सिवाह स्थित कोहिनूर रिसोर्ट में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले अभय सिंह चौटाला ने इनैलो कानूनी प्रकोष्ठ के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया। जिसमें प्रदेशभर के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस मौके पर अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों की वजह से फसल बीमा योजना के नाम पर बीमा कंपनी ने किसानों से करीब 750 करोड़ रूपये एकत्रित कर लिए और किसानों के खातों से अब भी जबरन बीमा के नाम पर रूपये काटे जा रहे हैं। अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश का विकास करवाने की बजाए जयंती, उत्सव, डिजिटिल इंडिया आदि के नाम पर प्रदेश के लोगों की खून पसीने की कमाई को बर्बाद करने पर लगी हुई है। इनमें भी अपने लोगों को ही फायदा पहुंचाया गया है। अभय चौटाला ने दावा किया कि प्रदेश में इनैलो की सरकार बनने पर पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवाला पिट चुका हैं। इस मौके पर अभय चौटाला ने कहा कि आज कानूनी प्रकोष्ठ की बैठक में पार्टी संगठन को मजबूत करने और कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा सामाजिक कार्य भी करने का फैसला लिया गया हैं।