Agra:मुगल बादशाह शाहजहां के 364वें उर्स को धूमधाम से मनाया गया

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रिपोर्ट -नसीम अहमद /आगरा :मुगल बादशाह शाहजहां के 364वें उर्स को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। तीन दिवसीय आखिरी दिन को सर्वधर्म सद्भाव का प्रतीक 1221 मीटर लंबी हिंदुस्तानी सतरंगी चादर भूमिगत कक्ष में शहंशाह की शान में पेश की गई। इस दौरान ढोल.नगाड़ों के साथ सतरंगी चादर चढ़ाने के लिए लंबा जुलूस निकाला गया।

सतरंगी चादर ने पूरे ताज को अपने आगोश में ले लिया। इसके पहले सुबह से ही कपड़ों और फूलों की चादरें और पंखे चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गयाए जोकि सूर्यास्त तक चलता रहा। ताजमहल में शुरू हुए मुगल बादशाह शाहजहां के उर्स में आखिरी दिन प्रवेश निशुल्क रहा। सूर्योदय के साथ ही शाहजहां और मुमताज महल की असली कब्रों पर कुल शरीफए कुरान ख्वानीए फातिहा पढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया। विभिन्न संगठनों की ओर से चादरें चढ़ाने का क्रम देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान चादरपोशी करने वाले तिरंगा लेकर भी आए। इस दौरान तमाम अकीदतमंदों ने न केवल चादरें चढ़ाईं बल्कि तबर्रुख भी बाटा। दोपहर साढ़े तीन बजे खुद्दाम ए रोजा कमेटी की ओर से सर्वधर्म सद्भाव का प्रतीक सतरंगी कपड़ों की 1221मीटर लंबी चादर पेश करने निकले । इस दौरान हजारों लोग चादर को अपने हाथों में लेकर शहंशाह को अपनी अकीदत पेश करने पहुंचे। सद्भाव की चादर से ताजमहल सतरंगी नजर आया। इस चादरपोशी के लिए ताजगंज के सभी समुदायों के लोगों का सहयोग रहता है। कमेटी के लोगों ने नारेबाजी के बीच शाहजहां की कब्र पर चादरपोशी की।