करनाल -सेवा भारती संस्थान में नारद जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ

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करनाल – सेवा भारती, हरियाणा के प्रदेश संगठन मंत्री जितेंद्र कुमार ने कहा कि नारद जी सृष्टि के प्रथम पत्रकार रहे। उन्होंने हमेशा लोकहित के लिए कार्य किया। पत्रकारों को देवर्षि नारद जी से प्रेरणा लेकर समाज हित में काम करना चाहिए। शुक्रवार को अर्जुन गेट स्थित सेवा भारती संस्थान में नारद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित विचार गोष्ठी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता जनमत का निर्माण भी करती है।
इस अवसर पर जितेंद्र कुमार ने समाज में पत्रकार की भूमिका, उनकी सुरक्षा और स्वतंत्र संवाद पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता का हनन नहीं किया जा सकता। जिस भी सरकार में प्रेस की स्वतंत्रता को बाधित करने का प्रयास किया तो उसके दुष्परिणाम भुगतने पड़े। पत्रकारिता सरकार और जनता के बीच सेतु का काम करती है।
उन्होंने कहा कि इतिहास में नारद एक परम ज्ञाता,दार्शनिक और समस्याओं के समाधान कर्ता के रूप में दिखाई देते हैं। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी है, जिसकी झलक वेदों, पुराणों, उपनिषदों, महाभारत और श्रीमद भागवद में मिलती है। नारद का शाब्दिक अर्थ ही उनके ज्ञान को स्पष्ट करता है, जिन्हें स्वयं भगवान नारायण ने ज्ञान प्रदान किया और जो सबको ज्ञान प्रदान करने वाले हैं। नारद अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फ़ैलाने वाले हैं।
सेवा भारती के प्रांतीय अध्यक्ष सतीश चावला ने कहा एक पत्रकार में जितनी विशेषताएं होनी चाहिए वे सब देवर्षि नारद में समाहित है। एक पत्रकार को तेजस्वी होना चाहिए और वे ऐसे तेजस्वी थे कि उनके आते ही क्या देव और क्या दानव सभी अपना सिंहासन छोड़कर उनका स्वागत करते थे। एक सच्चे पत्रकार को सत्ता या विपक्ष, सभी का सम्मान उसके मूल्यों और उसूलों के कारण ही प्राप्त होता है। नारद सत्य में निष्ठा रखने वाले थे और पत्रकारिता सत्य पर आधारित होती है और सत्यता पत्रकारिता कि आत्मा होती है। सत्यनिष्ठ पत्रकार निर्लिप्त भाव से अपने काम को अंजाम देता है। यूँ कहा जाये कि वह पक्षपात रहित होता है तो ज्यादा उचित होगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला कार्यवाह महेंद्र सिंह नरवाल ने कहा कि चाहे कोई भी काल हो पत्रकार हमेशा खतरों से जूझता है इसलिए पत्रकार को निर्भीक और निडर होना ही चाहिए। नारद ऐसे ही व्यक्तित्व थे जो भरी सभा में निडर होकर अपनी बात कहते थे।  वे नारायण की पूजा अर्थात सत्य की पूजा के उपासक थे। इस प्रकार एक निर्भीक पत्रकार निडर होकर किसी भी दबाव के आगे घुटने नहीं टेकता।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आरएसएस के विभाग संपर्क प्रमुख कपिल अत्रेजा ने कहा की एक पत्रकार को उसकी विश्वसनीयता से जाना जाता है और जो पत्रकार जितना विश्वसनीय होता है उसकी कही या लिखी बात का असर भी उतना ही गहरा होता है। नारद जी की सूचनाएँ हमेशा विश्वसनीय रहीं इसलिए वे असुर और देवता सभी के चहेते थे। वर्तमान पत्रकारिता में भी विश्वसनीयता ही पत्रकारिता के स्तर को ऊँचा उठाने में सहायक होती है।
इस मौके पर आयोजित विचार गोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं ने नारद जी को सृष्टि का सर्वप्रथम पत्रकार बताया और उनके आदर्शों का अनुसरण करने की बात कही ।
इससे पूर्व संघ के सह जिला कार्यवाह महेंद्र नरवाल और सेवा भारती के अध्यक्ष सतीश चावला ने आये हुए सभी पत्रकारों का फूलों की माला डालकर स्वागत किया और कोरोना महामारी के समय में भी निर्भीकता से पत्रकारिता करने के लिए आये हुए सभी पत्रकारों की प्रशंसा की।
कार्यक्रम में आरएसएस के सह जिला कार्यवाह विकास यादव, अनीता सिंह,  शैलेन्द्र कुमार, पवन शर्मा, इंद्रजीत वर्मा, बिशपाल राणा, राकेश शर्मा, सन्नी चौधरी, रचना तलवार, जसप्रीत, तेजेन्द्र सिंह, आजाद सिंह, पलविंदर सिंह, सुनील कुमार, हरविंदर सिंह, संदीप कुमार, मिलन, तेजेन्द्र मोहन, लक्ष्य, आशुतोष, मनोज त्यागी, विनय विज सहित अन्य पत्रकार भी मौजूद रहे।